Besto-Cof Dry Cough Formula पर जांच की तलवार — कफ सिरप मामलों से जुड़े तार, निर्माता की तलाश जारी!

Besto-Cof Dry Cough Formula पर जांच की तलवार — कफ सिरप मामलों से जुड़े तार, निर्माता की तलाश जारी!

राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (SDTL) रायपुर की रिपोर्ट ने एक बार फिर नकली दवाओं के कारोबार की जड़ों को हिला दिया है। हाल ही में जांच में सामने आई “Besto-Cof Dry Cough Formula” नामक दवा पर बड़ा खुलासा हुआ है। इस दवा के लेबल पर निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि और निर्माता का नाम तक नहीं दिया गया, जिससे इसकी प्रामाणिकता पर गंभीर सवाल उठे हैं।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उत्पाद का निर्माता और वितरक दोनों ही “Under Investigation”, यानी जांच के अधीन हैं। प्रयोगशाला ने प्राथमिक रिपोर्ट में इस सिरप को संभावित रूप से स्प्यूरियस (नकली) बताया है, हालांकि अंतिम निर्णय विस्तृत जांच के बाद ही होगा।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस संदिग्ध सिरप के सैंपल SDTL रायपुर में जांचे गए और परिणामों ने अधिकारियों को चौंका दिया। दवा पर न तो बैच नंबर स्पष्ट रूप से अंकित था और न ही किसी अधिकृत कंपनी का नाम। अब विभाग इस उत्पाद की सप्लाई चेन और स्रोत का पता लगाने में जुट गया है।

पिछले महीनों में भी कफ सिरप रहे विवादों में

यह मामला तब सामने आया है जब देशभर में पहले से ही कई कफ सिरप संदिग्ध पाए जा चुके हैं। कुछ समय पहले हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी ऐसी रिपोर्टें आई थीं, जिनमें खांसी-जुकाम की दवाएं जांच में फेल या गैर-मानक (NSQ) घोषित हुई थीं। कई मामलों में तो कफ सिरप में खतरनाक रासायनिक तत्व पाए गए थे, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बताया गया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नकली या निम्न गुणवत्ता वाले सिरप लिवर, किडनी और नर्वस सिस्टम पर बुरा असर डाल सकते हैं। कुछ मामलों में तो मरीजों को गंभीर एलर्जी और सांस संबंधी दिक्कतें भी हुईं।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी

रायपुर के औषधि निरीक्षक ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति Besto-Cof Dry Cough Formula का उपयोग न करे। यदि यह दवा बाजार में दिखे तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय दवा निरीक्षक या पुलिस विभाग को दें। विभाग ने मेडिकल स्टोर्स को भी निर्देश दिए हैं कि वे इस उत्पाद की स्टॉक जांचें और बिक्री तुरंत रोकें।

साथ ही, सरकार ने देशभर में नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। फार्मास्युटिकल कंपनियों को अब अपनी हर दवा पर क्यूआर कोड और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जा रहा है ताकि किसी भी उत्पाद की उत्पत्ति तुरंत ट्रेस की जा सके।

जांच एजेंसियों की सक्रियता बढ़ी

सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले में दवा का निर्माण करने वाले गैर-पंजीकृत यूनिट या प्राइवेट मिक्सिंग हब के शामिल होने की आशंका है। औषधि नियंत्रण विभाग ने संदिग्ध बैच की जानकारी अन्य राज्यों को भी भेज दी है।

जांच एजेंसियां अब इस सिरप की सप्लाई चेन, डीलर नेटवर्क और कच्चे माल के स्रोत की बारीकी से जांच कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़े नाम भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।

जनता को सतर्क रहने की अपील

स्वास्थ्य विभाग ने जनता को जागरूक करते हुए कहा है कि कोई भी सिरप या दवा बिना डॉक्टर की सलाह और बिना वैध लेबल के न खरीदे। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को दी जाने वाली दवाओं के प्रति विशेष सावधानी बरतें।

यह मामला सिर्फ एक दवा का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में छिपे खतरे का संकेत है। “Besto-Cof Dry Cough Formula” की जांच ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बाजार में बिक रही हर दवा वाकई सुरक्षित है?

“स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी सक्रियता के साथ जांच में जुटी है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय है

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