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June 19, 2025 Vol 20

हरिद्वार में नकली यौन वर्धक  दवाओं का भंडाफोड़: पुलिस और  विभाग की संयुक्त कार्रवाई, भारी मात्रा में दवाएं और मशीनें जब्त

हरिद्वार में नकली यौन वर्धक  दवाओं का भंडाफोड़: पुलिस और  विभाग की संयुक्त कार्रवाई, भारी मात्रा में दवाएं और मशीनें जब्त

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हरिद्वार,  उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में नकली आयुर्वेदिक दवाओं के कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। ज्वालापुर थाना क्षेत्र के अहबाबनगर मोहल्ले में चल रहे इस अवैध धंधे पर पुलिस और आयुष विभाग ने संयुक्त छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली यौन वर्धक दवाएं, मशीनें और पैकिंग सामग्री जब्त की हैं। इस कार्रवाई में एक आरोपी को मौके से गिरफ्तार भी किया गया है।

शिकायत पर हुई कार्रवाई

एसपी सिटी पंकज गैरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बढ़ेड़ी राजपूतान, रुड़की में “शरीफी हर्बल” नामक फर्म के नाम पर नकली आयुर्वेदिक यौन वर्धक दवाएं बनाई जा रही हैं, जिन्हें बाजार में बेचा जा रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली ज्वालापुर प्रभारी अमरजीत सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने 27 मई को जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश व औषधि निरीक्षक के साथ मिलकर अहबाबनगर स्थित एक मकान में छापेमारी की।

भारी मात्रा में सामग्री बरामद

तलाशी के दौरान मकान के अंदर से बड़ी मात्रा में यौन वर्धक दवाएं, उनके रैपर, लेबल, खाली प्लास्टिक डिब्बे, कच्चा माल, पैकिंग सामग्री, पिसाई मशीन, गैस सिलेंडर, और हांडी आदि बरामद किए गए। इन सभी का उपयोग नकली दवाएं तैयार करने और उनकी पैकिंग के लिए किया जा रहा था।

आरोपी गिरफ्तार, केस दर्ज

मौके से फिरोज अंसारी पुत्र मोहम्मद यूसुफ, निवासी मोहल्ला घोसियान, ज्वालापुर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट और भारतीय दंड संहिता  की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह लंबे समय से यह अवैध धंधा कर रहा था और बाजार में इन दवाओं की अच्छी खासी मांग होने के कारण वह उन्हें बड़ी मात्रा में सप्लाई कर रहा था।

स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

जिला आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पकड़ी गई दवाएं पूर्ण रूप से नकली और स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। बिना किसी लाइसेंस और वैज्ञानिक परीक्षण के तैयार की गई ये दवाएं उपभोक्ताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन दवाओं पर “आयुर्वेदिक” और “प्राकृतिक” जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दिया जा रहा था।

कार्रवाई जारी, नेटवर्क की तलाश

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध कारोबार का नेटवर्क कितना बड़ा है, और किन-किन स्थानों पर इन नकली दवाओं की आपूर्ति की जा रही थी। आयुष विभाग के अनुसार, यह मामला राज्य स्तर पर सक्रिय किसी बड़े गिरोह का हिस्सा भी हो सकता है।

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