मां गंगा शीतकालीन प्रवास पर रवाना — विधि-विधान से आज बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

मां गंगा शीतकालीन प्रवास पर रवाना — विधि-विधान से आज बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी।  उत्तराखंड की पवित्र गंगा घाटी आज श्रद्धा और भावनाओं से भर उठी। शीतकाल के आगमन के साथ ही मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धापूर्वक बंद कर दिए गए। सुबह ठीक 11:36 बजे मां गंगा की भव्य पूजा-अर्चना के बाद कपाट बंद किए गए, जिसके साथ ही हिमालयी धाम की आध्यात्मिक गूंज ने सभी भक्तों की आंखें नम कर दीं।

कपाट बंद होने के दौरान पंडा-पुरोहितों, तीर्थ पुरोहितों और हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती में हिस्सा लिया। “जय मां गंगे” के जयकारों से पूरा धाम क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।

अब मुखवा गांव में रहेंगी मां गंगा

अब मां गंगा पूरे छह महीने तक शीतकालीन प्रवास पर मुखवा गांव में विराजमान रहेंगी। यहां मंदिर समिति और ग्रामवासी प्रतिदिन विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन करेंगे। मुखवा गांव में पहले से ही शीतकालीन व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।

इस वर्ष टूटा रिकॉर्ड, 7.57 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

गंगोत्री धाम में इस वर्ष श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ देखने को मिली। कुल 7,57,762 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। तीर्थ पुरोहितों ने इसे मां गंगा की असीम कृपा बताया है कि इस बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर रही।

मंदिर समिति और प्रशासन की तैयारियां

गंगोत्री मंदिर समिति ने कपाट बंदी के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी की थीं। प्रशासन ने भी मां गंगा के मुखवा प्रवास के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। मार्गों की मरम्मत, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मौसम से संबंधित व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन ने अपने हाथों में ली है।

चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर

गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में बढ़ती ठंड के साथ ही अब चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर बढ़ चली है। जल्द ही केदारनाथ और बदरीनाथ धामों के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

भक्तों के लिए यह क्षण भावुक कर देने वाला रहा — जब मां गंगा के कपाट बंद होते ही हर आंख नम हो उठी और आकाश में गूंजने लगे “हर-हर गंगे, जय मां गंगे” के नारे।


 

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