दिल्ली डीसीए की बड़ी कार्रवाई: नकली वर्टिन टैबलेट के 5 लाख रुपये के स्टॉक जब्त, थोक विक्रेता पर छापा
नई दिल्ली, 6 मई — राष्ट्रीय राजधानी में नकली दवाओं के खिलाफ दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग (डीसीए) की सख्ती जारी है। हाल ही में विभाग ने भागीरथ प्लेस स्थित नीलकंठ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड नामक थोक विक्रेता के परिसर पर छापा मारते हुए वर्टिन टैबलेट (Betahistine Hydrochloride IP) के नकली संस्करण का एक बड़ा स्टॉक जब्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 5 लाख रुपये बताई गई है।
इस छापेमारी की अगुवाई दिल्ली के उप औषधि नियंत्रक एवं एसएलए डॉ. केआर चावला ने की। उन्हें महाराष्ट्र एफडीए से इस संबंध में एक गुप्त सूचना मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि 16 मि.ग्रा. और 8 मि.ग्रा. की वर्टिन टैबलेट की 15,000 और 6,000 गोलियां क्रमशः बरामद की गईं। इन पर निर्माता के तौर पर एबॉट इंडिया लिमिटेड का लेबल लगा हुआ था।
जांच में सामने आया कि इन टैबलेट्स पर मौजूद क्यूआर कोड सभी स्ट्रिप्स पर एक जैसे थे, जबकि असली दवाओं में हर स्ट्रिप पर अलग सीरियल नंबर होता है। साथ ही यूवी लाइट जांच में यह भी पाया गया कि ‘एबॉट’ नाम असली दवाओं की तरह दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे दवाओं की प्रामाणिकता पर संदेह और गहराया।
वर्टिन टैबलेट मुख्य रूप से मेनियर रोग के इलाज में इस्तेमाल की जाती है, जो चक्कर आना, कानों में आवाज आना (टिनिटस) और सुनने की समस्या जैसे लक्षणों से जुड़ी होती है।
डीसीए अधिकारियों ने नकली दवाओं के सैंपल एकत्र किए और शेष स्टॉक को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 22(1)(c) के तहत जब्त कर लिया गया। परिसर के मालिक भारत चितकारा ने एक स्वैच्छिक बयान में नकली दवाओं की मौजूदगी स्वीकार की, और उन्हें इसके स्रोत का खुलासा करने का निर्देश दिया गया है। मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर दवाओं को डीसीए की कस्टडी में रखा गया है।
इस कार्रवाई में डॉ. चावला के साथ एडीसी दीपक शर्मा, रवि कुमार यादव, संदीप कुमार शर्मा, डॉ. शबरी गिरिनाथ काला, मनोज अग्रवाल और रंजना जैन शामिल थे।
यह कार्रवाई दो सप्ताह पहले हुई उस बड़ी छापेमारी की कड़ी में है, जिसमें थ्रोम्बोफोब मरहम का 2.5 लाख रुपये मूल्य का नकली स्टॉक जब्त किया गया था।
दिल्ली डीसीए का कहना है कि वे इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।