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May 23, 2025 Vol 20

एनपीपीए ने 84 नई दवाओं की खुदरा कीमतें तय कीं, कई दवा कंपनियों को मिला मूल्य अनुमोदन

एनपीपीए ने 84 नई दवाओं की खुदरा कीमतें तय कीं, कई दवा कंपनियों को मिला मूल्य अनुमोदन

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नई दिल्ली — राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने अपनी 29 अप्रैल, 2025 को आयोजित ताज़ा बैठक में 84 नई दवाओं की खुदरा कीमतें निर्धारित की हैं। इन दवाओं में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सूजन रोधी और सर्दी-ज़ुकाम के इलाज में प्रयुक्त कई संयोजन शामिल हैं। यह निर्णय एनपीपीए के चेयरमैन पी कृष्णमूर्ति की अध्यक्षता में लिया गया।

प्राधिकरण ने विभिन्न दवा कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों के आधार पर एम्पाग्लिफ्लोजिन युक्त 36 संयोजन दवाओं की कीमतें तय की हैं। इन कंपनियों में मैनकाइंड फार्मा, माइक्रो लैब्स, ल्यूपिन, एल्केम, मैकलियोड्स और स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स प्रमुख हैं। एम्पाग्लिफ्लोजिन का पेटेंट जर्मन कंपनी बोह्रिंजर इंगेलहेम के पास था।

इससे पहले की बैठक में, बोह्रिंजर इंगेलहेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (BIIPL) ने मूल्य निर्धारण समिति (MDC) की सिफारिशों के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसमें पेटेंट समाप्ति तिथि को लेकर तथ्यात्मक त्रुटियों की ओर इशारा किया गया था। हालांकि, प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि ये आपत्तियाँ मूल्य निर्धारण सिफारिशों को प्रभावित नहीं करतीं।

बैठक में ग्लिमेपिराइड, डेपाग्लिफ्लोज़िन और सिटाग्लिप्टिन जैसे मधुमेह रोधी संयोजनों की कीमतें भी निर्धारित की गईं, जिनके लिए यूएसवी लिमिटेड और मैनकाइंड फार्मा सहित कंपनियों ने आवेदन किया था। साथ ही, टेल्मिसर्टन, मेटोप्रोलोल सक्सिनेट एक्सटेंडेड रिलीज़, सिल्नीडिपिन जैसे रक्तचाप की दवाओं के भी संयोजनों की कीमतें तय की गईं।

इसके अलावा, पैरासिटामोल-फिनाइलफ्राइन-क्लोरफेनिरामाइन टैबलेट, एल-कार्निटाइन-मिथाइलकोबालामिन-फोलिक एसिड टैबलेट और रोसुवास्टेटिन-एस्पिरिन-क्लोपिडोग्रेल जैसे संयोजन भी इस मूल्य निर्धारण में शामिल हैं। कुछ दवाएं बिना मूल्य अनुमोदन के बाजार में उतारी गई थीं, जिन्हें अब नियमित किया गया है।

प्राधिकरण ने विटामिन डी3 (कोलेकैल्सीफेरोल) ओरल सोल्यूशन 60,000 IU की कीमतें भी संशोधित की हैं। जर्मन रेमेडीज के लिए इसकी कीमत 14.94 रुपये प्रति एमएल तथा सिप्ला लिमिटेड के लिए 15.03 रुपये प्रति एमएल तय की गई है।

यह निर्णय उपभोक्ताओं के हित में दवाओं की कीमतें नियंत्रित रखने और बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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