हरिद्वार में 86 संस्थानों की पर्यावरणीय स्वीकृति रद्द
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बड़ी कार्रवाई, होटल, फैक्ट्री, प्रिंटिंग प्रेस व उद्योग आए रडार पर
हरिद्वार। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) ने हरिद्वार जिले में स्थित 86 व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाइयों की पर्यावरणीय अनुमति को अस्वीकार कर दिया है। यह कार्रवाई 30 जून 2025 को की गई। अस्वीकृत संस्थानों में होटल, प्रिंटिंग प्रेस, फार्मास्युटिकल यूनिट्स, वेस्ट मैनेजमेंट कंपनियां, केमिकल और आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता शामिल हैं।
इन सभी संस्थानों के आवेदन “सीटीई” (Consent to Establish) और “सीटीओ” (Consent to Operate) के अंतर्गत थे, जो या तो नए, नवीनीकरण या विस्तार से संबंधित थे। बोर्ड ने सभी आवेदनों को अपूर्ण दस्तावेज, पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन या तय शर्तों के पालन न करने के आधार पर खारिज किया।
बोर्ड ने क्या कहा?
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि –
“पर्यावरण की दृष्टि से यह एक अहम कदम है। जिन इकाइयों ने निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया या दस्तावेज़ अधूरे दिए, उनके आवेदन रद्द किए गए हैं। सभी को सूचित किया जा चुका है।”
प्रमुख नाम जो सूची में शामिल हैं:
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होटल श्रेणी: Hotel Paradise Inn, Hotel SRV, Ganga Mahima Lodge
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प्रिंटिंग प्रेस: SNS Printing Press, MA Gayatri Offset, Shri Maa Graphics Pvt. Ltd.
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औद्योगिक इकाइयां: Noble Phytoextracts, Lifeford Healthcare Pvt. Ltd., Global Waste Management
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शैक्षणिक संस्थान: Gurukul Mahavidyalaya Pharmacy
👉 सभी आवेदन रुड़की क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन थे और इनका निस्तारण एक ही दिन (30 जून) को किया गया।
CTE और CTO क्या हैं?
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CTE (Consent to Establish): नया उद्योग/व्यवसाय शुरू करने से पूर्व पर्यावरणीय अनुमति
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CTO (Consent to Operate): संचालन के लिए दी जाने वाली समयबद्ध स्वीकृति
यदि किसी इकाई का CTO या CTE रद्द होता है, तो वह वैधानिक रूप से संचालन नहीं कर सकती।
इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि ये इकाइयाँ वर्षों से कैसे संचालन कर रही थीं?, जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को इनकी जानकारी नहीं थी?
गंगा तटवर्ती शहर में पर्यावरणीय लापरवाही चिंता का विषय
हरिद्वार एक धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां इस प्रकार की इकाइयों का अनियंत्रित संचालन न केवल गंगा की स्वच्छता को प्रभावित करता है, बल्कि स्थानीय पर्यावरण को भी खतरे में डालता है।
जनहित में जरूरी कार्रवाई
पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि:
“प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की यह सख्ती जरूरी थी। लेकिन अब आगे ज़मीनी स्तर पर जांच और संचालन रोकने की कार्यवाही भी होनी चाहिए।”
विशेष तथ्य:
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रद्द किए गए आवेदन: 86
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जिला: हरिद्वार
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विभाग: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB)
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क्षेत्रीय कार्यालय: रुड़की RO