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रुद्रपुर की रात… चारों ओर सन्नाटा पसरा था, लेकिन पुलिस कंट्रोल रूम में हलचल थी। एसएसपी मणिकांत मिश्रा की निगाहें मानचित्र पर टिकी थीं—बरेली के फतेहगंज पश्चिमी और अगरास क्षेत्र। यह वही जगह थी जहां से उत्तराखंड और आसपास के पहाड़ी राज्यों में नशे की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन आज, पुलिस के लिए यह कोई साधारण रात नहीं थी। आज, वह रात थी जब नशे के गढ़ को ध्वस्त करने की योजना बनाई गई थी।
मुख्यमंत्री उत्तराखंड के “नशा मुक्त उत्तराखंड” के संकल्प को साकार करने के लिए, पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई। योजना थी सीधी, लेकिन सटीक—कोई बचकर न निकल पाए।
“हमें उनके ठिकानों तक पहुँचना होगा, हमें उनकी कमर तोड़नी होगी!” एसएसपी मिश्रा ने टीम से कहा।
पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने कई ड्रग्स माफियाओं को गिरफ्तार किया था, लेकिन असली खेल तो अभी बाकी था। गुप्तचरों की रिपोर्टों के अनुसार, फतेहगंज पश्चिमी और अगरास क्षेत्र में दर्जनों ड्रग पेडलर्स सक्रिय थे, जो युवाओं को मौत के रास्ते पर धकेल रहे थे।
रात के अंधेरे में 300 पुलिसकर्मियों की टीम चारों ओर से इलाके को घेर चुकी थी। एसएसपी मिश्रा स्वयं इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। उनके साथ एसपी क्राइम सुश्री नीहारिका तोमर, एसपी सिटी रुद्रपुर, एसपी काशीपुर सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
जैसे ही पुलिस टीम ने ठिकानों पर दबिश दी, पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। पुलिस को देखकर कुछ माफिया भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पहले से तैनात पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया।
“कोई भागने की कोशिश मत करना! पुलिस चारों ओर से घेर चुकी है!” एक अधिकारी ने लाउडस्पीकर पर चेतावनी दी।
कुछ ही मिनटों में पुलिस ने 25 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। जिनमें कई बड़े ड्रग सप्लायर्स भी थे। पूछताछ में कई और बड़े नामों का खुलासा हुआ, जिन पर जल्द ही कार्रवाई होगी।
कार्रवाई के बाद, एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने साफ शब्दों में संदेश दिया—
“नशे का धंधा करने वालों को मैं चेतावनी देता हूँ, अब सिर्फ जेल नहीं, तुम्हारी दुनिया ही खत्म कर दी जाएगी। हम तुम्हें घर में घुसकर पकड़ेंगे!”
उन्होंने जनता से भी अपील की कि यदि किसी को भी ड्रग्स के धंधे से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो वे पुलिस को सूचित करें। जानकारी गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि ड्रग्स बेचने वाले केवल समाज के ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के भी दुश्मन हैं। यदि समय रहते नशे के इस जहर को नहीं रोका गया, तो आने वाली पीढ़ी अंधकार में डूब जाएगी।
यह ऑपरेशन केवल एक शुरुआत थी। अब मिशन था—उत्तराखंड और उसके आसपास के राज्यों को पूरी तरह से ड्रग्स मुक्त करना। एसएसपी मणिकांत मिश्रा और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया कि जब तक एक भी नशा तस्कर बचा है, तब तक पुलिस चैन से नहीं बैठेगी।
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