उत्तराखंड एसटीएफ ने नकली दवाइयों के बड़े गिरोह के 4 कंपनी हेड गिरफ्तार किए
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयां बनाने वाले चार प्रमुख कंपनी मालिकों और प्लांट हेड को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 10 सदस्य पहले ही पकड़े जा चुके हैं। आरोपियों का अन्य राज्यों में भी आपराधिक इतिहास सामने आने की संभावना है।
एसटीएफ ने 1 जून को संतोष कुमार नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसके पास प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के भारी मात्रा में नकली रैपर, आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड मिले थे। इसके बाद थाना सेलाकुई में मुकदमा दर्ज किया गया और पहले छह आरोपियों—संतोष कुमार, नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता, पंकज शर्मा और विजय कुमार पांडे को गिरफ्तार किया गया।
जांच में सामने आया कि आरोपी नवीन बंसल उर्फ अक्षय ने केरोन लाइफ साइंस, बीएलबीके फार्मास्यूटिकल, ओएक्सआई फार्मा और जेंटिक फार्मास्यूटिकल जैसी कंपनियों से बिना स्ट्रिप पैक किए लगभग 18 लाख टैबलेट खरीदी और उन्हें अपनी फर्जी फर्म “बीचम बायोटेक” के माध्यम से भिवाड़ी, राजस्थान में ब्रांडेड मेडिसिन की तरह पैक कर बाजार में बेचा।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में प्रदीप गौड़ (जेंटिक फार्मास्यूटिकल), शैलेंद्र सिंह (बीएलबीके फार्मास्यूटिकल), शिशिर सिंह (ओएक्सआई फार्मा) और तेजेंद्र कौर (केरोन लाइफ साइंस) शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ गहन जांच जारी है और उनके अन्य आपराधिक कनेक्शन का पता लगाया जा रहा है।
एसटीएफ ने चेतावनी दी है कि नकली दवाइयों की सप्लाई में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।