उत्तराखंड में ग्रीन सेस लागू: 15 तारीख से कमर्शियल वाहनों पर नया शुल्क सिस्टम लागू होगा
देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की हालिया बैठक के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों के लिए एक नई व्यवस्था की घोषणा की गई है। अब राज्य में आने वाले इन वाहनों से ग्रीन सेस के नाम पर शुल्क वसूला जाएगा। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और ट्रैफिक व्यवस्था को अधिक संगठित बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या है ग्रीन सेस?
पूर्व में जब राज्य सरकार ने एंट्री टैक्स लागू करने की कोशिश की थी, तब व्यवसायियों और ट्रांसपोर्ट संगठनों ने इसका विरोध किया था। उस अनुभव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब इसे “ग्रीन सेस” का नाम दिया है। यह सेस पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अधिक स्वीकार्य और वैध प्रतीत होता है।
कैसे होगी वसूली?
सरकार ने इसकी वसूली की व्यवस्था को भी आधुनिक तकनीक से जोड़ दिया है:
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पूर्व स्थापित चेक पॉइंट्स पर NPR (National Population Register) कैमरे लगाए गए हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे।
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इन कैमरों के जरिए वाहन की जानकारी फास्टैग सिस्टम से लिंक होगी।
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संबंधित वाहन से सेस की राशि सीधे फास्टैग से कटेगी, जिससे मैनुअल वसूली की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
कितनी होगी राशि?
हिमाचल प्रदेश और अन्य पहाड़ी राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के बाद उत्तराखंड सरकार ने नए दरों का निर्धारण किया है। हालांकि, अभी तक इन दरों की विस्तृत घोषणा नहीं की गई है, परंतु यह दरें वाहन की श्रेणी और भार के आधार पर तय होंगी।
कब से लागू होगा?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह नई व्यवस्था 15 तारीख से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा सकती है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो इसे जल्द ही पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का दावा है कि यह कदम न केवल राजस्व वृद्धि में सहायक होगा, बल्कि राज्य में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्याओं से निपटने में भी कारगर साबित होगा। पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल ट्रांसपेरेंसी और स्मार्ट टोल वसूली की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।