हरिद्वार में थर्मल विजन ड्रोन: मानव- जंगली जानवर संघर्ष कम करने की अनोखी पहल

Newsalert

schedule
2025-03-07 | 09:42h
update
2025-03-07 | 10:12h
person
newsalert.city
domain
newsalert.city
Newsalert > उत्तराखंड > देहरादून > हरिद्वार में थर्मल विजन ड्रोन: मानव- जंगली जानवर संघर्ष कम करने की अनोखी पहल
हरिद्वार में थर्मल विजन ड्रोन: मानव- जंगली जानवर संघर्ष कम करने की अनोखी पहल
Last updated: 2025/03/07 at 9:12 AM
Share
4 Min Read
SHARE

हरिद्वार में थर्मल विजन ड्रोन: मानव-जंगली जानवर संघर्ष कम करने की अनोखी पहल

हरिद्वार। :- हरिद्वार, जो अपनी आध्यात्मिक पहचान के साथ-साथ प्राकृतिक संपदा के लिए भी प्रसिद्ध है, अब मानव-पशु संघर्ष की बढ़ती घटनाओं से जूझ रहा है। खासकर, राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) से सटे इलाकों में जंगली हाथियों और तेंदुओं की घुसपैठ बढ़ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए उत्तराखंड का वन विभाग अब आधुनिक तकनीक की मदद लेने जा रहा है। पहली बार, राज्य में थर्मल विजन ड्रोन तैनात किए जाएंगे, जो रात के अंधेरे में भी वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।

क्यों उठानी पड़ी यह पहल?

हरिद्वार के आसपास के ग्रामीण और शहरी इलाकों में जंगली जानवरों का आना आम बात हो गई है। जंगलों से सटे गन्ने के खेत इन जानवरों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भोजन की तलाश में भटकते हाथी और तेंदुए न केवल फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कभी-कभी इंसानों पर भी हमला कर देते हैं।

वन विभाग के अनुसार, आरटीआर में अभी तक सामान्य ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिनमें रात के समय देखने की क्षमता नहीं थी। इससे रात में वन्यजीवों की गतिविधियों की निगरानी करना मुश्किल हो जाता था। लेकिन थर्मल विजन ड्रोन की मदद से अब अंधेरे में भी इन जानवरों की सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा, जिससे वन विभाग समय रहते उचित कदम उठा सकेगा।

कैसे काम करेगा यह ड्रोन?

हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ वैभव कुमार के अनुसार, थर्मल विजन ड्रोन आधुनिक तकनीक से लैस होगा, जो गर्मी के आधार पर शरीर की उपस्थिति को पहचान सकता है। यह न केवल दिन के उजाले में बल्कि रात के अंधेरे में भी प्रभावी रूप से काम करेगा।

इस ड्रोन के माध्यम से:
– जंगली जानवरों के मूवमेंट को ट्रैक किया जा सकेगा।
– उनके सुरक्षित रास्तों की पहचान कर उन्हें जंगल में लौटाने में मदद मिलेगी।
– इंसानों और जंगली जानवरों के बीच टकराव की घटनाओं को कम किया जा सकेगा।

20 लाख की लागत, लेकिन असीमित फायदे

वन विभाग के अनुसार, एक थर्मल विजन ड्रोन की कीमत लगभग 20 लाख रुपए होगी। हालांकि, इसके फायदे अनगिनत हैं। न केवल मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि वन्यजीवों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।

स्थानीय लोगों को भी मिलेगी राहत

हरिद्वार और आसपास के गांवों के लोग लंबे समय से वन्यजीवों की बढ़ती घुसपैठ से परेशान थे। कई बार रात में खेतों में गए किसानों का सामना जंगली जानवरों से हो जाता था, जिससे जानलेवा घटनाएं भी होती थीं। लेकिन अब इस नई तकनीक के जरिए इन घटनाओं में काफी कमी आने की उम्मीद है।

भविष्य में और सुधार की योजना

वन विभाग का कहना है कि अगर यह तकनीक सफल साबित होती है, तो इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा। खासतौर पर उत्तराखंड के अन्य जंगलों, जहां मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं, वहां भी इस तकनीक से निगरानी की जाएगी।

हरिद्वार में यह पहल न केवल आधुनिक टेक्नोलॉजी और वन्यजीव संरक्षण के संयोजन का एक बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह मानव और पशु के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

About The Author

Share This Article
Leave a comment
Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newsalert.city
Privacy & Terms of Use:
newsalert.city
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
07.03.2025 - 18:19:01
Privacy-Data & cookie usage: