दवा कंपनियों की गुणवत्ता पर सरकार सख्त, तीन बार फेल हुए नमूनों पर कार्रवाई की तैयारी
हिमाचल :- स्वास्थ्य विभाग हिमाचल प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। राज्य में कई फार्मा कंपनियों द्वारा बनाए गए दवाओं के नमूने लगातार गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने ऐसी कंपनियों को राज्य से बाहर करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने हाल ही में सोलन अस्पताल के आकस्मिक दौरे के दौरान मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में इस मुद्दे को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि कई कंपनियों को तीसरा और अंतिम नोटिस जारी किया जा चुका है। आने वाले दस दिनों में दवा उद्योगों और उनकी प्रयोगशालाओं का व्यापक निरीक्षण किया जाएगा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खतरा
मंत्री शांडिल ने कहा कि राज्य में कई कंपनियां गुणवत्ता नियंत्रण मानकों की अनदेखी कर रही हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा रोग और एंटीबायोटिक जैसी जीवनरक्षक दवाओं के नमूने भी फेल हो रहे हैं। इससे न केवल मरीजों की जान को खतरा है, बल्कि राज्य की फार्मा इंडस्ट्री की साख भी दांव पर है।
तीन बार से अधिक फेल हो चुके नमूने
उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियों के दवा नमूने तीन बार से भी अधिक बार फेल हो चुके हैं। यदि निरीक्षण के दौरान कोई खामी पाई जाती है, तो संबंधित कंपनियों को तत्काल सुधारात्मक निर्देश दिए जाएंगे। लेकिन यदि कंपनियां सुधार नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिनमें लाइसेंस रद्द करना और राज्य से बाहर करना भी शामिल है।
कंपनियों को चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी दवा निर्माता कंपनियों को अपनी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी। जो कंपनियां गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरतीं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई न केवल राज्य में दवा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।