हरिद्वार में खांसी की दवाओं पर औषधि विभाग की सख्ती, सैंपल जांच अभियान तेज – राज्यभर में दवा सुरक्षा को लेकर ताजबर सिंह जग्गी के निर्देश पर कार्रवाई
हरिद्वार, जनस्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए औषधि नियंत्रण विभाग उत्तराखंड द्वारा खांसी की दवाओं की गुणवत्ता जांच को लेकर चलाया जा रहा विशेष अभियान हरिद्वार जनपद में लगातार तेज़ी पकड़ रहा है। औषधि आयुक्त श्री ताजबर सिंह जग्गी के निर्देश पर विभागीय टीमें जिलेभर में औषधि प्रतिष्ठानों, हॉस्पिटलों और मेडिकल स्टोर्स पर औचक निरीक्षण कर रही हैं।
सिडकुल क्षेत्र में औचक जांच – 5 सैंपल जांच हेतु भेजे गए
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक सुश्री अनीता भारती के नेतृत्व में औषधि निरीक्षक सुश्री मेघा और विभागीय टीम ने बुधवार को सिडकुल क्षेत्र स्थित मैट्रो हॉस्पिटैलिटी का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान टीम ने विभिन्न ब्रांड की खांसी की दवाओं के 5 सैंपल एकत्र कर राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे।
निरीक्षण के दौरान टीम ने मेडिकल स्टोर्स में दवाओं की वैधता, स्टोरेज कंडीशन, बिलिंग रिकॉर्ड और ड्रग लाइसेंस की अनुपालना की गहन जांच की। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि विभाग खांसी की दवाओं की गुणवत्ता जांच को लेकर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है।
उन्होंने कहा —
“औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा खांसी की दवाओं की गुणवत्ता जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। किसी भी मेडिकल प्रतिष्ठान में मानक उल्लंघन या बिना अनुमति औषधि विक्रय पाए जाने पर तत्काल नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने आगे बताया कि यह अभियान औषधि आयुक्त श्री ताजबर सिंह जग्गी के निर्देशों के अनुरूप चलाया जा रहा है, ताकि जनता को केवल सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली औषधियां ही उपलब्ध हों।
रुड़की क्षेत्र में भी औचक जांच – 10 नए सैंपल एकत्र
इसी क्रम में जनपद के रुड़की क्षेत्र में भी औषधि विभाग का निरीक्षण अभियान जारी रहा। औषधि निरीक्षक श्री हरीश के नेतृत्व में विभागीय टीम ने विनय विशाल हॉस्पिटल से 7 सैंपल तथा ऐरन हॉस्पिटल से 3 सैंपल एकत्र कर राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को जांच हेतु प्रेषित किए।
जांच टीम ने इस दौरान मेडिकल स्टोर्स और हॉस्पिटल फार्मेसियों में स्टॉक रजिस्टर, बिलिंग व्यवस्था, स्टोरेज तापमान, एक्सपायरी डेट और लाइसेंस अनुपालना की स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन किया।
औषधि निरीक्षक हरीश ने कहा —
“रुड़की क्षेत्र में औषधि सैंपलिंग अभियान लगातार जारी रहेगा। किसी भी स्थिति में मानक से कम गुणवत्ता वाली औषधि को बाजार में नहीं आने दिया जाएगा।”
40 से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि अब तक हरिद्वार जनपद से कुल 40 औषधि सैंपल जांच हेतु भेजे जा चुके हैं। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी, दोषी पाई जाने वाली फार्मा कंपनियों एवं मेडिकल प्रतिष्ठानों के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विभाग की प्राथमिकता है कि राज्य में बेची जा रही हर औषधि गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरे और आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर कोई खतरा न बने।
आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने दी सख्त चेतावनी
औषधि आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र की टीमों के कार्य की सराहना करते हुए कहा —
“औषधि गुणवत्ता सुनिश्चित करना जनस्वास्थ्य से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील विषय है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले निर्माता या विक्रेता पर नियमानुसार कठोरतम कार्रवाई होगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग का यह अभियान केवल खांसी की दवाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी तरह की औषधियों की गुणवत्ता जांच भी नियमित रूप से की जाएगी।
जनता से अपील
औषधि विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या बिना बिल की दवा न खरीदें और यदि किसी मेडिकल स्टोर या अस्पताल में नियम विरुद्ध बिक्री या घटिया दवा मिलने की जानकारी हो तो विभाग को तुरंत सूचित करें।
इस प्रकार, हरिद्वार में औषधि विभाग की सक्रियता से यह स्पष्ट संदेश गया है कि राज्य सरकार जनस्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं करेगी, और “खांसी की दवाओं पर सख्ती – जनता की सेहत पहली प्राथमिकता” के मंत्र के साथ अभियान निरंतर जारी रहेगा।