हरिद्वार के चार उद्योगों पर बड़ी कार्रवाई — प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने संचालन अनुमति रद्द की!
हरिद्वार/। ।हरिद्वार जिले में चल रही चार औद्योगिक इकाइयों पर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त कार्रवाई की है। बोर्ड ने इन इकाइयों की संचालन अनुमति (Consent to Operate – CTO) रद्द कर दी है। जांच में पाया गया कि फैक्ट्रियाँ हवा और पानी दोनों को प्रदूषित कर रही थीं और पर्यावरण मानकों का सही से पालन नहीं कर रही थीं।
यह कार्रवाई रुड़की क्षेत्रीय कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। सभी आवेदन “री-न्यू CTO (दोबारा अनुमति नवीनीकरण)” के तहत थे, जिन्हें बोर्ड ने अस्वीकृत (Reject) कर दिया।
🔹 जांच में सामने आया सच
बोर्ड की टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ फैक्ट्रियों में:
- प्रदूषण नियंत्रण उपकरण बंद या खराब पड़े थे,
- अपशिष्ट जल (गंदा पानी) को बिना ट्रीटमेंट के बहाया जा रहा था,
- और हवा में निकलने वाले धुएं का स्तर तय सीमा से ज्यादा था।
इन कमियों के चलते बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए चारों इकाइयों की संचालन मंजूरी तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी।
🔹 क्या है Consent to Operate (CTO)?
यह वह अनुमति है जो किसी भी फैक्ट्री को चलाने के लिए जरूरी होती है।
अगर कोई इकाई बिना CTO के चलती है, तो उसे गैरकानूनी (Illegal Operation) माना जाता है।
बोर्ड हर साल इन अनुमतियों की समीक्षा करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उद्योग प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन कर रहे हैं।
🔹 बोर्ड का सख्त संदेश
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति (Zero Tolerance Policy) अपनाई जाएगी।
किसी भी उद्योग को यह अधिकार नहीं कि वह विकास के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण से खिलवाड़ करे।
जिन इकाइयों की अनुमति रद्द की गई है, वे सुधार के बाद दोबारा आवेदन कर सकती हैं।
🔹 जनता और पर्यावरण दोनों के हित में कदम
इस कार्रवाई को आम लोगों ने सराहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआँ और गंदा पानी लंबे समय से परेशानी का कारण बना हुआ था।
बोर्ड की सख्ती से अब उम्मीद है कि बाकी उद्योग भी सतर्क होंगे और पर्यावरण सुरक्षा के नियमों का पालन करेंगे।
🔹 संदेश साफ है:
“प्रदूषण फैलाने वालों के लिए अब जगह नहीं —
उद्योग चलेगा तो सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही चलेगा।”



