WHO ने जारी की नई ‘आवश्यक दवाओं’ की सूची कैंसर, मधुमेह और मोटापे के मरीजों को मिलेगा बड़ा फायदा

 


 WHO ने जारी की नई ‘आवश्यक दवाओं’ की सूची

कैंसर, मधुमेह और मोटापे के मरीजों को मिलेगा बड़ा फायदा

जिनेवा/नई दिल्ली।

दुनिया भर में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ी राहत की खबर दी है। संगठन ने अपनी आवश्यक दवाओं (Essential Medicines List – EML) और बच्चों के लिए आवश्यक दवाओं (EMLc) की नई सूची जारी कर दी है। इस सूची में कैंसर, मधुमेह और मोटापे जैसी जानलेवा बीमारियों के लिए नई और प्रभावी दवाएं शामिल की गई हैं।

इस बार WHO ने वयस्कों के लिए 523 दवाएं और बच्चों के लिए 374 दवाएं सूचीबद्ध की हैं। यह सूची दुनिया के 150 से अधिक देशों की स्वास्थ्य नीतियों और सरकारी खरीद योजनाओं का आधार बनेगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे गंभीर बीमारियों के इलाज तक पहुंच आसान होगी और लाखों मरीजों की जिंदगी में नई उम्मीद जगेगी।


🔹 कैंसर के खिलाफ मजबूत कदम

कैंसर दुनियाभर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से दम तोड़ देते हैं। WHO ने इस चुनौती को देखते हुए नई सूची में कुछ अहम दवाओं को शामिल किया है।

  • पेम्ब्रोलिज़ुमाब को गर्भाशय ग्रीवा, कोलोरेक्टल और फेफड़ों के कैंसर के इलाज में पहली पंक्ति की दवा के तौर पर शामिल किया गया।
  • एटेज़ोलिज़ुमाब और सेमिप्लिमाब को भी नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के इलाज में विकल्प के रूप में जोड़ा गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये दवाएं मरीज की उम्र कम से कम 4-6 महीने तक बढ़ाने में सक्षम साबित हुई हैं। WHO ने यह भी साफ किया है कि कैंसर की दवाओं के चयन में बेहद सख्त मानक अपनाए गए हैं, ताकि केवल वही इलाज सूची में आए, जो असल में मरीज को जीवनदान दे सके।


🔹 मधुमेह और मोटापे के लिए नई उम्मीद

मधुमेह और मोटापा आज वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में शामिल हैं। 2022 में दुनियाभर में 80 करोड़ लोग मधुमेह और 1 अरब लोग मोटापे से पीड़ित थे। इनसे जुड़े खतरे हृदय रोग और किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थितियों को जन्म देते हैं।

नई सूची में WHO ने जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवाएं जैसे सेमाग्लूटाइड, डुलाग्लूटाइड और लिराग्लूटाइड तथा टिर्ज़ेपेटाइड को शामिल किया है।
ये दवाएं –

  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं,
  • हृदय और किडनी की जटिलताओं को कम करती हैं,
  • वजन घटाने में मदद करती हैं और
  • समय से पहले मौत का खतरा घटाती हैं।

हालांकि, इन दवाओं की ऊंची कीमतें गरीब और विकासशील देशों के लिए बड़ी चुनौती हैं। WHO ने देशों से अपील की है कि वे जेनेरिक विकल्प उपलब्ध कराएं और इन जीवनरक्षक दवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाएं।


🔹 गरीब देशों के लिए राहत की आस

WHO के औषधि एवं स्वास्थ्य उत्पाद निदेशक देउसदेदित मुबांगीज़ी ने कहा, “गैर-संचारी रोगों पर होने वाला खर्च का बड़ा हिस्सा दवाओं पर होता है। ऐसी दवाएं, जो ‘आवश्यक’ श्रेणी में आती हैं, हर किसी के लिए किफायती होनी चाहिए। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और जन-केंद्रित कार्यक्रम जरूरी हैं।”

संगठन का मानना है कि यदि सरकारें समय रहते कदम उठाएं और कंपनियां कीमतें घटाएं, तो गरीब और विकासशील देशों में लाखों लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।


🔹 विशेषज्ञ समिति का निर्णय

WHO की विशेषज्ञ समिति ने मई 2025 में जिनेवा में बैठक कर कुल 59 प्रस्तावों की समीक्षा की। इनमें से 20 नई दवाओं को EML और 15 को EMLc में शामिल किया गया। इसके अलावा सात पुरानी दवाओं को नए उपयोगों के लिए मंजूरी मिली।

विशेषज्ञ समिति ने हर दवा की प्रभावशीलता, सुरक्षा, तुलनात्मक लागत और समग्र लागत-प्रभावशीलता पर बारीकी से अध्ययन करने के बाद यह सूची तैयार की।


🔹 क्यों अहम है WHO की यह सूची?

  • WHO ने पहली बार यह सूची 1977 में जारी की थी।
  • यह हर दो साल में अपडेट होती है।
  • 150 से ज्यादा देश अपनी स्वास्थ्य नीतियों और दवा खरीद में इसे आधार बनाते हैं।
  • यह सूची बीमारियों के बदलते स्वरूप और आधुनिक इलाज की जरूरतों को ध्यान में रखती है।

 

 

  • भारत पर क्या असर होगा?

भारत जैसे देश, जहां मधुमेह और मोटापा तेजी से बढ़ रहे हैं और कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उनके लिए WHO की यह सूची बेहद अहम है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें इस सूची को अपनाती हैं तो लाखों मरीजों को आधुनिक और प्रभावी दवाओं तक पहुंच आसान हो जाएगी।

WHO की नई ‘आवश्यक दवाओं की सूची’ दुनिया के करोड़ों मरीजों के लिए नई रोशनी लेकर आई है। कैंसर, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीज अब अधिक सुरक्षित और प्रभावी इलाज की उम्मीद कर सकते हैं।

अब चुनौती सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों के सामने है कि वे इन दवाओं को लोगों तक समय रहते और सस्ती कीमत पर कैसे पहुंचाती हैं।

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