खेती की जमीन पर अवैध कॉलोनियों पर RERA की बड़ी कार्रवाई, हरिद्वार बना हॉटस्पॉट
हरिद्वार। उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (UKRERA) ने खेती की जमीन पर अवैध कॉलोनियां काटने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि कृषि श्रेणी की भूमि पर जबरन आवासीय प्लॉटिंग करना भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 का सीधा उल्लंघन है। इसी आधार पर हरिद्वार जनपद में कई कॉलोनाइज़र्स पर जुर्माना ठोका गया है।
हरिद्वार में सबसे ज्यादा मामले
रेरा की जांच में सामने आया है कि हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। लक्सर, भगवानपुर और रूड़की क्षेत्र में तो दर्जनों गांवों की उपजाऊ जमीन को अवैध तरीके से छोटे-छोटे प्लॉटों में बदल दिया गया है। इन कॉलोनियों में न तो कोई नक्शा पास होता है और न ही रेरा में पंजीकरण कराया जाता है।
खेती की जमीन घटने पर चिंता
रेरा अधिकारियों के अनुसार, पिछले दो दशकों में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में खेती की जमीन में सबसे ज्यादा कमी आई है। इसका बड़ा कारण अवैध कॉलोनियां हैं। उपजाऊ खेतों को काटकर रिहायशी प्लॉट बना दिए जाते हैं, जिससे न केवल किसानों की आजीविका पर असर पड़ता है बल्कि आने वाले समय में खाद्यान्न संकट भी खड़ा हो सकता है।
सोशल मीडिया पर भी नजर
रेरा ने यह भी पाया कि कई कॉलोनाइज़र फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही अवैध कॉलोनियों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस पर भी सख्ती बरती जाएगी। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि ऑनलाइन माध्यम से प्रचार करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होगी।
अब बचना मुश्किल
रेरा का यह कदम उन लोगों के लिए बड़ा संदेश है जो कृषि भूमि को प्लॉटिंग में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। प्राधिकरण ने साफ कहा है कि बिना पंजीकरण कोई भी कॉलोनी वैध नहीं होगी और अवैध प्लॉटिंग पर जुर्माना तथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
👉 हरिद्वार में लगातार बढ़ रही अवैध कॉलोनियों पर RERA की यह सख्ती अब इस धंधे पर रोक लगाने का बड़ा हथियार साबित हो सकती है।