हरिद्वार में पर्यावरणीय सख्ती तेज: पांच उद्योगों के लाइसेंस आवेदन निरस्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उठाया कड़ा कदम
– पर्यावरण सुरक्षा के नाम पर उद्योगों में बढ़ी हलचल, PCB बोला – नियम मानो तभी मिलेगी मंज़ूरी
हरिद्वार। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) की तरफ से उद्योगों पर पर्यावरणीय नियमों को सख्ती से लागू करने की मुहिम के तहत हरिद्वार जिले के पांच आवेदकों के Consent To Operate (CTO) और Consent To Establish (CTE) से संबंधित आवेदन 02 अगस्त 2025 को निरस्त कर दिए गए हैं। ये सभी आवेदन प्रदूषण नियंत्रण कानूनों के अंतर्गत विभिन्न औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने, चलाने या उनसे जुड़े विस्तार/नवीनीकरण की अनुमति पाने के लिए प्रस्तुत किए गए थे।
बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इन आवेदनों को दस्तावेजों की कमी, प्रस्तावित इकाइयों में पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन का अभाव तथा संतोषजनक Pollution Control Systems की कमी जैसी वजहों से खारिज किया गया है। इस कार्रवाई को प्रदेश में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बड़ी पहल माना जा रहा है।
किन कंपनियों को झटका लगा?
निरस्त किए गए सभी पांचों आवेदन हरिद्वार से भेजे गए थे और इनके लिए Roorkee Regional Office के माध्यम से निरीक्षण किया गया था। बोर्ड द्वारा जारी सूची के अनुसार जिन आवेदकों के आवेदन रद्द किए गए हैं, उनमें शामिल हैं – Growth Associates, Ankit Kumar, Metal Technologies, UltraTech Cement Limited और Vishwakarma Industries।
क्रम | आवेदक / उद्योग का नाम | आवेदन प्रकार | प्रयोजन | आवेदन तिथि | निरस्तीकरण तिथि |
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1 | ग्रोथ एसोसिएट्स | CTO | नई इकाई + नवीनीकरण | 21/06/2023 | 02/08/2025 |
2 | अंकित कुमार | CTO | नई इकाई + नवीनीकरण | 12/04/2025 | 02/08/2025 |
3 | मेटल टेक्नोलॉजीज़ | CTO | नई स्थापना | 27/02/2025 | 02/08/2025 |
4 | अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड | CTO | इकाई विस्तार | 11/12/2023 | 02/08/2025 |
5 | विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज़ | CTE | नई स्थापना | 27/08/2020 | 02/08/2025 |
क्या होते हैं CTO और CTE?
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उद्योगों को दो चरणों में अनुमति देता है।
- Consent To Establish (CTE) – यह अनुमति तब दी जाती है जब कोई उद्योग शुरुआत करना चाहता है। इसके अंतर्गत प्लांट डिजाइन, लोकेशन, वेस्टमैनेजमेंट प्लान आदि की जाँच की जाती है।
- Consent To Operate (CTO) – यह अनुमति तब दी जाती है जब उद्योग उत्पादन शुरू करना चाहता है या फिर अपनी पुरानी अनुमति को नवीनीकृत या विस्तारित कराना चाहता है।
किन कारणों से हुए आवेदनों को रद्द?
PCB अधिकारियों का कहना है कि इन पांचों आवेदनों में कई कमियां पाई गईं, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं —
- पर्यावरणीय Clearance रिपोर्ट उचित प्रारूप में प्रस्तुत नहीं की गई
- उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों जैसे ETP, STP, Dust Collector आदि की कमी
- अनियत समय पर रखरखाव और Waste Disposal Plan का अभाव
- बोर्ड द्वारा पूर्व में मांगे गये दस्तावेज समयसीमा के अंदर जमा न कर पाना
PCB ने स्पष्ट किया है कि नियमों के अनुरूप दस्तावेज़ उपलब्ध न कराने और बदलाव न करने की स्थिति में किसी भी हाल में अनुमति जारी नहीं की जाएगी।
पर्यावरणीय नियमों को लेकर बदलेगा उद्योगों का रवैया
बोर्ड की इस सख्त कार्रवाई से हरिद्वार, रुड़की और सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। कई उद्योग अपने दस्तावेज और सिस्टम अपग्रेड कराने में जुट गए हैं। जानकारों के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का यह कदम वातावरण की गुणवत्ता बनाए रखने को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
आगे क्या विकल्प हैं आवेदकों के पास?
बोर्ड ने सभी पाँच आवेदकों को निर्देशित किया है कि वे पिछली रिपोर्ट के अनुसार कमियों को दूर कर दोबारा आवेदन करें। यदि वे नियमानुसार Pollution Control Devices लगाते हैं, Waste Management Plan प्रस्तुत करते हैं और निर्धारित समय पर नियमित अनुपालन रिपोर्ट जमा करते हैं, तो उनके मामले में पुनर्विचार किया जाएगा।
वहीं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहते हैं कि बोर्ड का यह कड़ा रुख गंगा घाटी क्षेत्र में वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हरिद्वार में पाँच औद्योगिक आवेदनों को निरस्त करना यह संदेश देता है कि अब बिना पर्यावरणीय शर्तें पूरी किए किसी भी उद्योग को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उद्योग समय रहते प्रदूषण नियंत्रण सिस्टम अपनाएं तो वे प्रतिबंधों से बच सकते हैं तथा साथ ही स्थानीय वातावरण को भी सुरक्षित बनाया जा सकता है।