
देहरादून। :- उत्तराखंड में नकली, नॉन-स्टैंडर्ड और अवैध दवाओं के खिलाफ ड्रग विभाग ने बड़ा अभियान चलाया है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंहके नेतृत्व में राज्यभर में छापेमारी की गई, जिसमें कई दवा निर्माता कंपनियों और मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई हुई। इस विशेष अभियान मेंहरिद्वारऔरदेहरादूनमें ड्रग इंस्पेक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हरिद्वार में ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की कार्रवाई:
हरिद्वार में ड्रग इंस्पेक्टरअनीता भारतीने मेडिकल स्टोर्स और दवा निर्माता इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई की। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में औचक निरीक्षण के दौरान कई मेडिकल स्टोर्स पर अनियमितताएं पाई गईं। कई दुकानों में बिना लाइसेंस के दवाइयां बेची जा रही थीं, जबकि कुछ दुकानों में नॉन-स्टैंडर्ड और एक्सपायरी दवाएं पाई गईं।
प्रमुख बिंदु:
हरिद्वार केरावली मेहदूदक्षेत्र में छापेमारी के दौरान कई स्टोर संचालक दुकानें छोड़कर फरार हो गए।
चार मेडिकल स्टोर्स को तत्काल बंद कराया गया।
कई दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून में ड्रग इंस्पेक्टर राणा की कार्रवाई:
देहरादून में ड्रग इंस्पेक्टरराणाके नेतृत्व में मेडिकल स्टोर्स और दवा कंपनियों पर छापेमारी की गई। इस दौरान कुछ प्रतिष्ठानों में न केवल बिना लाइसेंस दवाइयां बेची जा रही थीं, बल्कि कुछ स्टोर्स पर प्रतिबंधित दवाओं का अवैध भंडारण भी पाया गया।
प्रमुख बिंदु:
देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में की गई छापेमारी में कई अनियमितताएं पाई गईं।
कुछ दवाओं के सैंपल फेल होने पर संबंधित कंपनियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए।
जिन स्टोर्स पर अनियमितताएं मिलीं, उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह की अगुवाई में राज्यव्यापी अभियान:
ड्रग कंट्रोलरताजबर सिंह ने बताया कि यह अभियान मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चलाया गया। राज्य में नकली, नॉन-स्टैंडर्ड और अवैध दवाओं पर लगाम लगाने के लिए विभाग लगातार निरीक्षण कर रहा है। ताजबर सिंह ने बताया कि अन्य प्रदेशों से हमारे पर पत्र आते है है कि दवाओं के सैंपल फैल हो रहे जिनमें दवाओ के रैपर पर उत्तराखंड का नाम लिखा होता है लेकिन जब निरीक्षण कराया जाता है तो उस पते पर कोई भी फैक्ट्री मौजूद नहीं पाई जाती है फेक पते पर दवाईयां बना कर उत्तराखंड को बदनाम किया जा रहा है जबकि उत्तराखंड ड्रग विभाग लगातार निरीक्षण कर रहा है
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह
अभियान के मुख्य परिणाम:
पिछले एक साल में 862 प्रतिष्ठानों की जांच हुई।
352 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 47 फेल पाए गए।
दो कंपनियों के लाइसेंस रद्द, जबकि पांच कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
चारधाम यात्रा मार्ग और अन्य पर्यटन स्थलों पर मेडिकल स्टोर्स की विशेष जांच की जा रही है।
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह ने स्पष्ट किया कि इस अभियान में दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग राज्य में सुरक्षित और प्रभावी दवाएं सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है
क्या कहते है दवा कारोबारी
लंबे समय से दवा निर्माता का कहना है कि उत्तराखंड में ज्यादातर कंपनियां नियमों के अनुसार दवाओ का निर्माण करती है और निरीक्षण करने के बाद ही सप्लाई की जाती है और विभाग द्वारा भी लगातार निरीक्षण किया जाता है उत्तराखंड को लगातार बदनाम किया जा रह है अन्य राज्यों में जो दवाओं के सैंपल मिल रहे है उन पर बस उत्तराखंड का नाम लिखा होता है लेकिन धरातल पर ऐसी कोई कंपनी उत्तराखंड में मौजूद हो नहीं है
निष्कर्ष:
उत्तराखंड में नकली और अवैध दवाइयों के खिलाफ चलाए जा रहे इस विशेष अभियान से स्पष्ट है कि सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। ड्रग विभाग की लगातार हो रही कार्रवाइयों ने नकली दवा माफिया के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है।