उत्तराखंड में 13 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस आवेदन खारिज, औषधि विभाग ने दिखाई सख्ती
देहरादून | उत्तराखंड में दवाओं की बिक्री से जुड़ी निगरानी अब और सख्त हो गई है। राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने बीते 15 दिनों में अलग-अलग जिलों से आए 13 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस आवेदन खारिज कर दिए हैं। यह जानकारी विभाग के पोर्टल पर जारी की गई है।
इनमें देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के मेडिकल स्टोर शामिल हैं। कुछ ने नई दुकान खोलने के लिए आवेदन किया था, जबकि कुछ ने पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए।
क्या है मामला?
राज्य में दवा बेचने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। इसके लिए नियमों के अनुसार:
- पंजीकृत फार्मासिस्ट की नियुक्ति
- साफ-सुथरी और मानकों के अनुसार बनी दुकान
- पूरे दस्तावेज
- और विभागीय निरीक्षण जरूरी होता है।
लेकिन जिन 13 मेडिकल स्टोरों ने आवेदन किया था, वे इन शर्तों पर खरे नहीं उतर पाए, इसलिए विभाग ने उनके आवेदन रिजेक्ट कर दिए।
किन-किन के आवेदन खारिज हुए?
खारिज किए गए कुछ प्रमुख मेडिकल स्टोरों के नाम:
- मोइन मेडिकल एजेंसी, ऊधमसिंह नगर
- जय अंबे मेडिकल स्टोर, नैनीताल
- नेशनल फार्मेसी, हरिद्वार
- प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र, नैनीताल
- ओमवती मेडिकल स्टोर, देहरादून
- श्री धनवंतरि सर्जिकल्स, हरिद्वार
इनमें कुछ ने खुदरा (रिटेल) दवा बिक्री के लिए 20/21 लाइसेंस और कुछ ने थोक (होलसेल) बिक्री के लिए 20B/21B लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
क्यों हुए आवेदन रिजेक्ट?
हालांकि पोर्टल पर स्पष्ट कारण नहीं दिए गए, लेकिन आमतौर पर ये वजहें हो सकती हैं:
- फार्मासिस्ट की नियुक्ति में गड़बड़ी
- जरूरी दस्तावेज अधूरे
- दुकान का पता या स्ट्रक्चर नियमों के अनुसार नहीं
- पुराने लाइसेंस का समय पर नवीनीकरण न होना
- निरीक्षण में खामियां मिलना
विभाग की अपील
औषधि विभाग ने सभी आवेदनकर्ताओं से अपील की है कि:
“लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय सभी दस्तावेज पूरे रखें, फार्मासिस्ट की जानकारी सही दें और दुकान नियमों के अनुरूप हो। तभी लाइसेंस स्वीकृत हो पाएगा।”
दवाओं की गुणवत्ता और लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उत्तराखंड औषधि विभाग लगातार सख्त कदम उठा रहा है। अगर आपने या आपके जानने वाले ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, तो नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, वरना आवेदन खारिज किया जा सकता है।