
नकली दवाओं पर भारी छूट का साया: AIDCOC ने जताई चिंता
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बाजार में नकली और घटिया दवाओं की बढ़ती समस्या ने दवा नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। अखिल भारतीय औषधि नियंत्रण अधिकारी परिसंघ (AIDCOC) ने राज्य की ड्रग कंट्रोल शाखा को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, खासकर उन फार्मेसियों पर जो दवाओं पर असामान्य रूप से ऊंची छूट प्रदान कर रही हैं।
भारी छूट, बड़ा खतरा
AIDCOC के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर.पी. चौधरी ने कहा कि दवाओं की कीमतों पर भारी छूट नकली दवाओं के प्रसार का प्रमुख कारण बन रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत से पश्चिम बंगाल तक नकली दवाओं की तस्करी रोकने के लिए राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने की जरूरत है।
ग्रे मार्केटिंग का खेल
बिहार के ड्रग कंट्रोलर नित्यानंद कोशलेया ने आशंका जताई कि नकली दवाओं के प्रसार के पीछे ग्रे मार्केटिंग कंपनियां हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा कि AIDCOC की योजना है कि अधिकारियों की क्षमताएं बढ़ाई जाएं, जिससे वे अनधिकृत कंपनियों की पहचान कर सकें और जनता को इस खतरे से बचाया जा सके।
सख्त निगरानी की जरूरत
AIDCOC ने सभी राज्य सरकारों से मांग की है कि दवा परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए और अधिकारियों को नवीनतम तकनीकों पर नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही, उन्होंने राज्यों के बीच सूचना साझा करने की एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि नकली दवाओं की आवाजाही पर नज़र रखी जा सके।
ईमानदारी पर जोर
जब चौधरी से पूछा गया कि क्या कोई ड्रग कंट्रोल अधिकारी अनैतिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है, तो उन्होंने इसे सिरे से नकारते हुए कहा कि AIDCOC अधिकारियों के नैतिक आचरण, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देता है।
आगे की राह
AIDCOC का मानना है कि भारत में नकली दवाओं से निपटने के लिए राज्यों के बीच बेहतर समन्वय, सूचना साझा करने की प्रणाली और दवा नियंत्रण अधिकारियों के लिए नियमित ट्रेनिंग बेहद जरूरी है। अब देखना होगा कि सरकार इन सुझावों पर कितना तेजी से अमल करती है।