सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संकट में 15,000 शिक्षक
हरिद्वार से प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजा गया ज्ञापन
हरिद्वार, सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश ने उत्तराखण्ड के हजारों शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता का साया डाल दिया है। कोर्ट ने 1 सितम्बर 2025 को पारित निर्णय में कहा है कि देशभर के सेवा में कार्यरत प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों को 55 वर्ष की आयु तक अनिवार्य रूप से टीईटी (Teacher Eligibility Test) उत्तीर्ण करना होगा। आदेश के मुताबिक दो वर्षों के भीतर परीक्षा पास न करने पर शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी।
इस फैसले से उत्तराखण्ड के लगभग 15,000 शिक्षक-शिक्षिकाएं सीधे प्रभावित हो रहे हैं। आदेश के बाद शिक्षकों और उनके परिवारों में चिंता और तनाव का माहौल है। इसी मुद्दे को लेकर आज हरिद्वार जिले के जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर राहत की मांग की।
शिक्षकों की आपत्ति
शिक्षक संघ का कहना है कि 2010 से पहले नियुक्त शिक्षक पहले ही न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण की शर्तें पूरी कर चुके हैं। अब अचानक टीईटी थोपना न तो तार्किक है और न ही न्यायसंगत।
संघ ने दलील दी कि 40 से 55 वर्ष आयु के शिक्षक पहले से ही पारिवारिक और विभागीय जिम्मेदारियों में उलझे रहते हैं। ऐसे में दो वर्षों की समय सीमा में प्रतियोगी परीक्षा पास करना लगभग असंभव है।
संघ ने वर्ष 2017 के संशोधन का भी उल्लेख किया, जिसमें सरकार ने स्पष्ट किया था कि 2010 से पहले नियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं होगा।
संघ की मांगें
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की जाए।
- 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।
- केंद्र सरकार संसद में अध्यादेश लाकर शिक्षकों को राहत प्रदान करे।
- एनसीटीई (NCTE) स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे ताकि सेवा और पदोन्नति प्रभावित न हों।
ज्ञापन सौंपा गया
25 सितम्बर 2025 , यह ज्ञापन जिला अधिकारी हरिद्वार के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को प्रेषित किया गया।
पदाधिकारियों की मौजूदगी
ज्ञापन पर जिले और ब्लॉकों के सभी प्रमुख पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। इनमें प्रमुख रहे –
पवन सैनी (जिला अध्यक्ष), किरतपाल सिंह (महामंत्री), अखलाक अहमद (कोषाध्यक्ष), मनीष कौशिक (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), मोहब्बत अली (वरिष्ठ संयुक्त मंत्री), मनोज धीमान (ब्लॉक अध्यक्ष रूड़की), राजेंद्र सैनी (उपाध्यक्ष रूड़की), संजय कुमार (कोषाध्यक्ष), अरुण शर्मा (प्रांतीय उपाध्यक्ष), प्रदीप कुमार (ब्लॉक अध्यक्ष नारसन), मनोज कुमार (अध्यक्ष लक्सर), संजय कुमार (अध्यक्ष भगवानपुर), जोगिंदर कुमार (अध्यक्ष खानपुर), संजय चौहान (अध्यक्ष बहादराबाद) सहित कई अन्य पदाधिकारी।
संघ का बयान
संघ के जिला अध्यक्ष पवन सैनी ने कहा –
“यह आदेश शिक्षकों और उनके परिवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यदि केंद्र सरकार ने शीघ्र पहल नहीं की तो शिक्षकों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा