हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री पर प्रदूषण बोर्ड की सख्ती – एक महीने में 4 कंपनियों के CCA रद्द, बंदी की चेतावनी
हरिद्वार, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) ने हरिद्वार जिले में एक महीने के भीतर चार फार्मास्युटिकल कंपनियों के CCA (Consolidated Consent and Authorization) को अस्वीकृत कर दिया है। इन कंपनियों को जल (Water Act), वायु (Air Act), और खतरनाक कचरा प्रबंधन (Hazardous Waste Rules) से जुड़े सभी परिचालन की अनुमति नहीं दी गई है।
बोर्ड द्वारा की गई सख्ती ने फार्मा उद्योग में हलचल मचा दी है, खासकर हरिद्वार जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में जहां दवा कंपनियों की संख्या सैकड़ों में है।
प्रदूषण नियंत्रण मानकों की उड़ाई जा रही थीं धज्जियां
बोर्ड के अनुसार, इन सभी कंपनियों ने नियमानुसार:
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समय-समय पर मांगी गई जानकारियों का जवाब नहीं दिया,
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पर्यावरणीय निरीक्षण के दौरान मिली कमियों को दूर नहीं किया,
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घरेलू/उद्योगिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन का कोई प्रमाण नहीं दिया,
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और न ही वायु प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मानकों का अनुपालन किया।
30 दिन की मोहलत, नहीं मानी शर्तें तो होगी बंदी
बोर्ड ने सभी इकाइयों को 30 दिन के भीतर सुधारात्मक कदम उठाने और फिर से आवेदन जमा करने को कहा है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जल एवं वायु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कंपनियों के खिलाफ:
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संचालन बंद करने के आदेश,
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बिजली व पानी की आपूर्ति रोकना,
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और जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है।
बोर्ड की चेतावनी – ‘पर्यावरण नियमों की अवहेलना पर होगी कठोर कार्रवाई’
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग माधुकर ढाकटे के अनुसार:
“हरिद्वार में उद्योगों का विकास ज़रूरी है, लेकिन स्वच्छ पर्यावरण की कीमत पर नहीं। जिन इकाइयों की लापरवाही से पर्यावरण को खतरा हो, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
औद्योगिक क्षेत्र में मचा हड़कंप
हरिद्वार औद्योगिक क्षेत्र में इस कार्रवाई के बाद कई अन्य फार्मा यूनिट्स को भी नोटिस मिलने की संभावना है। क्षेत्रीय अधिकारियों के अनुसार, 40 से अधिक इकाइयों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें से 10 से ज्यादा कंपनियों को नोटिस जारी किए गए है