राष्ट्रीय अलर्ट: “कोल्ड्रिफ” कफ सिरप में गंभीर संदूषण, डीसीजीआई ने तमिलनाडु फैक्ट्री सील, बच्चों की जान पर संकट
मध्य प्रदेश और राजस्थान में रिपोर्ट, तमिलनाडु में उत्पादन और बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध, केंद्रीय जांच शुरू
कांचीपुरम, तमिलनाडु: मध्य प्रदेश और राजस्थान से कफ सिरप कोल्ड्रिफ में संदूषण की गंभीर रिपोर्टें मिलने के बाद भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) डॉ. राजीवसिंह रघुवंशी ने तत्काल तत्काल निरीक्षण का आदेश दिया। यह कदम जन स्वास्थ्य खतरे को देखते हुए उठाया गया।
तमिलनाडु के सुंगुवरचत्रम स्थित निर्माण इकाई में CDSCO Chennai के उप औषधि नियंत्रक डॉ. एमके श्रीनिवासन ने निरीक्षण का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि सभी बैचों से आधिकारिक नमूने एकत्र कर विशेष औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। यह निरीक्षण जोखिम-आधारित है और प्रारंभिक रिपोर्ट दो दिनों में उपलब्ध होने की संभावना है।
डीसीए तमिलनाडु ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए सिरप के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य के सभी फार्मेसियों में स्टॉक को फ्रीज कर दिया गया है। औषधि नियंत्रक एस. गुरुभारती ने कहा कि पिछले दो दिनों के सार्वजनिक अवकाश के बावजूद, विभाग ने 24×7 काम किया।
केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी में भी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। औषधि नियंत्रक डॉ. यू आनंदकृष्णन ने कहा कि क्षेत्र में सिरप का कोई वितरण नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने डीसीजीआई और तमिलनाडु डीसीए से वितरण चैनल की जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बहु-एजेंसी जांच शुरू की है। शुरुआती संकेतों से पता चला है कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद होने की आशंका है। यह रसायन बच्चों में गुर्दे की गंभीर क्षति और फेल्योर का कारण बन सकता है।
प्रभावित बच्चों से लिए गए नमूने पुणे स्थित विशेष वायरोलॉजी संस्थान भेजे गए हैं। इनकी जांच से सिरप की भूमिका और संभावित कारणों की पुष्टि होगी, जो कानूनी और नियामक कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि कोल्ड्रिफ का सेवन न करें और यदि किसी बच्चे ने यह सिरप लिया है, तो तुरंत अस्पताल से संपर्क करें।
इस संकट ने एक बार फिर फार्मास्युटिकल सुरक्षा और सरकारी निगरानी की अहमियत को उजागर किया है। अधिकारियों की तीव्र और निर्णायक कार्रवाई को देशभर में सराहा जा रहा है।