मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत के बाद पंजाब ने 8 दवाओं पर तुरंत रोक लगा दी!
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में तीन दवा कंपनियों की 8 खतरनाक दवाओं की खरीद और इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगा दी है। यह कदम उन खबरों के बाद उठाया गया है, जिनमें इन दवाओं से मरीजों पर गंभीर प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाएं (ADRs) सामने आई थीं।
प्रतिबंधित दवाओं की सूची
- नॉर्मल सेलाइन (सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन 0.9%)
- डेक्सट्रोज इंजेक्शन 5%
- सिप्रोफ्लोक्सासिन इंजेक्शन 200mg
- डीएनएस 0.9%
- एनआई2 + डेक्सट्रोज 5% IV फ्लूइड
- बुपीवाकेन HCL के साथ डेक्सट्रोज इंजेक्शन
निर्माण: 2023–2025 | समाप्ति: सितंबर 2026 – अप्रैल 2028
वितरण और इस्तेमाल पर तुरंत रोक
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन और चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश दिया है कि वे इन दवाओं के उपयोग, वितरण और खरीद पर तुरंत रोक लगाएँ। अस्पतालों में इन दवाओं के भंडार की समीक्षा कर उनका पूरी तरह उपयोग बंद कराना अनिवार्य है।
मरीजों की सुरक्षा और जांच
जिन मरीजों पर इन दवाओं के कारण संदिग्ध ADRs दिखे हैं, उनकी जानकारी तुरंत जाँच समिति को भेजी जाएगी। समिति मामले की गहन जाँच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। आदेश की जानकारी पंजाब के मुख्य सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पंजाब स्वास्थ्य सेवा निगम और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई है।
पिछला हादसा
यह कदम ऐसे समय में आया है जब देशभर में दवा सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश में खांसी की दवा पीने से करीब 20 बच्चों की मौत की खबर ने राज्य सरकारों की सतर्कता बढ़ा दी। इसी कड़ी में पंजाब ने अब खांसी और अन्य इंजेक्शन दवाओं की खरीद और इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाई है।
सरकार का संदेश
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल प्रमाणित और मान्यता प्राप्त दवाओं का ही उपयोग करें। यह कदम राज्य में दवा सुरक्षा और मरीजों की जान की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी बताया जा रहा है।