खांसी की दवा पर सरकार का बड़ा एक्शन: ‘प्लैनोकफ डी सीरप’ बैन, निकला जानलेवा ज़हर!
चंडीगढ़/हरिद्वार। खांसी से राहत देने वाला सीरप अब बन गया जान का दुश्मन! हरियाणा सरकार ने ‘प्लैनोकफ डी सीरप’ पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह दवा इंसान के शरीर के लिए ज़हर साबित हो सकती है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने आदेश जारी कर दवा की बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूर्ण रोक लगा दी है।
दरअसल, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) गुवाहाटी की जांच रिपोर्ट में इस सीरप के कुछ बैचों में ‘डायएथिलीन ग्लाइकाल’ (Diethylene Glycol) की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई। यह वही रसायन है जो गुर्दों को नष्ट कर देता है, तंत्रिका तंत्र पर गंभीर असर डालता है और मृत्यु तक का कारण बन सकता है — खासतौर पर बच्चों में।
सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है —
“यह दवा मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत विषैली है। जनता प्लैनोकफ डी सीरप का उपयोग न करें। अपनी और बच्चों की सुरक्षा के लिए इसे तुरंत फेंक दें।”
इस खतरनाक दवा का निर्माण उत्तराखंड के भगवानपुर (रायपुर) स्थित ‘मेसर्स श्रेया लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा किया जाता है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई और स्वास्थ्य विभाग ने इस दवा के सभी बैच बाजार से जब्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
साथ ही दवा विक्रेताओं, थोक वितरकों, अस्पतालों और डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे इस सीरप की बिक्री, वितरण या उपयोग तुरंत बंद करें।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा —
“जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी कंपनी को लोगों की जान से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
राज्य सरकार अब इस मामले में निर्माण इकाई की जवाबदेही तय करने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।
स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीमें विभिन्न जिलों में सीरप की सैंपलिंग और सीलिंग अभियान शुरू कर चुकी हैं।
सावधानी जरूरी:
अगर किसी के घर में ‘प्लैनोकफ डी सीरप’ की बोतल मौजूद है तो उसे तुरंत नष्ट करें या नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र को सौंपें।
सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने की भी तैयारी की है ताकि कोई भी नागरिक संदिग्ध दवा की जानकारी दे सके।



