कफ सिरप कांड: जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, बच्चों को लेकर केंद्र ने जारी की नई एडवाइजरी
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में मासूमों की मौत से जुड़े कफ सिरप मामले में शुक्रवार को बड़ा अपडेट सामने आया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जांच में सिरप के सैंपल में किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले डायथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे खतरनाक केमिकल नहीं मिले हैं। यह रिपोर्ट नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और CDSCO समेत कई शीर्ष संस्थानों ने दी।
हालांकि शुरुआती जांच में किडनी फेल से हुई 9 बच्चों की मौत को संदूषित कफ सिरप से जोड़ा गया था। छिंदवाड़ा (एमपी) में 15 दिन में 9 मासूमों ने दम तोड़ दिया था और ज्यादातर को कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-डीएस सिरप दिए गए थे। बच्चों की किडनी बायोप्सी रिपोर्ट में जहरीले रसायन की आशंका जताई गई थी।
बच्चों के लिए नई गाइडलाइन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ चेतावनी दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हाल में खांसी-जुकाम की दवा न दी जाए।
डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने सलाह दी है कि:
- 5 साल तक के बच्चों को भी खांसी-जुकाम की दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न दें।
- छोटे बच्चों में ज्यादातर खांसी-जुकाम अपने आप ठीक हो जाता है।
- बच्चों के लिए पहला इलाज है – आराम, पर्याप्त तरल पदार्थ, भाप और घरेलू देखभाल।
- दवा कंपनियों को गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) सख्ती से लागू करने और अनावश्यक दवा संयोजन से बचने को कहा गया है।
- माता-पिता को दवा के सुरक्षित उपयोग को लेकर जागरूक किया जाए।
राजस्थान और एमपी में हड़कंप
छिंदवाड़ा कांड के बाद राजस्थान में भी 3 बच्चों की मौत कफ सिरप से जुड़ी बताई गई। भरतपुर, जयपुर और बांसवाड़ा में कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना से हड़कंप मचा।
- छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने जिले में संदिग्ध सिरप की बिक्री पर रोक लगाई।
- राजस्थान सरकार ने जेनेरिक दवाएं सप्लाई करने वाली केसन फार्मा के सभी उत्पादों की जांच के आदेश दिए।
सख्त जांच और कार्रवाई
- उत्तराखंड FDA ने भी सतर्कता बरतते हुए सभी सरकारी और निजी दवा दुकानों से सिरप के सैंपल लेने का आदेश दिया है।
- मुजफ्फरनगर (यूपी) में सऊदी अरब को एक्सपायर्ड सिरप सप्लाई करने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ, तीन आरोपी गिरफ्तार।
- रामपुर (यूपी) में औषधि विभाग ने 17 लाख का अवैध कफ सिरप जब्त किया।
सवालों के घेरे में फार्मा कंपनियां
मामले ने देशभर में कफ सिरप निर्माण और वितरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। जांच एजेंसियां अब सिरप बनाने वाली कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम खंगाल रही हैं।
👉 संक्षेप में:
- मंत्रालय की रिपोर्ट ने जहरीले केमिकल की आशंका से इनकार किया।
- लेकिन मौतों के पीछे कफ सिरप की भूमिका पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।
- सरकार ने बच्चों में खांसी-जुकाम के इलाज को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
- दवा कंपनियों की जांच जारी, कई राज्यों में छापेमारी।