हिमाचल में नकली API रैकेट का भंडाफोड़ — उत्तराखंड तक फैला नेटवर्क, तीन गिरफ्तार
हिमाचल :- हिमाचल प्रदेश में नकली दवाओं के काले कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य दवा नियंत्रण प्रशासन और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की संयुक्त टीम ने एक अंतरराज्यीय नकली API सप्लाई रैकेट का पर्दाफाश किया है। छापेमारी के दौरान अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो की गिरफ्तारी उत्तराखंड में हुई।
विशेष खुफिया सूचना के आधार पर छापा पांवटा साहिब बस स्टैंड के पास स्थित एक लाइसेंसी गोदाम पर मारा गया। तलाशी में वहां से दो सक्रिय औषधि घटक — थायोकॉल्चीकोसाइड और एज़िथ्रोमाइसिन — बरामद हुए, जिनके नकली अथवा घटिया गुणवत्ता के होने का संदेह है। जब टीम ने गोदाम संचालक से खरीद से जुड़े दस्तावेज मांगे, तो वह कोई वैध रसीद या प्रमाण नहीं दिखा सका, जिस पर उसे मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया।
थायोकॉल्चीकोसाइड मांसपेशियों की ऐंठन में तथा एज़िथ्रोमाइसिन संक्रमणों के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं।
जांच में खुलासा हुआ कि इन नकली API की आपूर्ति उत्तराखंड से की जा रही थी। इस कड़ी में उत्तराखंड ड्रग विभाग के साथ संयुक्त छापेमारी की गई, जिसमें सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र राणा की टीम की अगुवाई में कार्रवाई कर दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा:
“ऐसे असामाजिक तत्व जो नकली औषधियों का कारोबार करते हैं, वे मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत दोषियों को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत कड़ी सजा दी जाएगी।”
उन्होंने बताया कि यह रैकेट संभवतः कई राज्यों में फैला हुआ है, जिसे लेकर गहन जांच जारी है। सभी संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी और औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि मामले की जांच प्राथमिकता पर पूरी की जाए।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे दवाएं सिर्फ अधिकृत और लाइसेंसी विक्रेताओं से ही खरीदें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को दें।
सीडीएससीओ, हिमाचल और उत्तराखंड की एजेंसियों का समन्वय, नकली औषधियों की श्रृंखला को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रहा है