
हर्रावाला में आयुर्वेदिक दवाओं की फार्माकोविजिलेंस पर कार्यशाला आयोजित
देहरादून :- देहरादून के हर्रावाला स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में उत्तराखंड के पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सकों के बीच आयुर्वेदिक दवाओं की फार्माकोविजिलेंस के प्रति ज्ञान, दृष्टिकोण और अभ्यास” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य आयुर्वेदिक औषधियों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना था, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की जा सकें।
कार्यशाला का आयोजन क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, रानीखेत द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठित अतिथियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रभारी सहायक निदेशक डॉ. ओम प्रकाश द्वारा स्वागत भाषण और विषय परिचय के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट वक्ता
कार्यशाला में मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार त्रिपाठी थे, जिन्होंने अपने संबोधन में कार्यक्रम की सफलता की कामना की। अन्य विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे:
– श्री रामजीशरण शर्मा, रजिस्ट्रार, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय
– श्रीमती नर्वदा गुसांई, रजिस्ट्रार, भारतीय चिकित्सा परिषद्, देहरादून
– डॉ. जी.सी.एस. जंगपांगी, जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी, देहरादून
प्रमुख विषय-वस्तु और वक्तव्य
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए, जिनमें शामिल थे:
1. डॉ. तरूण कुमार अनुसंधान अधिकारी (आयु.) – ए.एस.यू एंड एच संबंधित ए.डी.आर और भ्रामक विज्ञापन की रिपोर्टिंग” विषय पर व्याख्यान।
2. डॉ. किरण वशिष्ट, सहायक प्रोफेसर – आयु सुरक्षा पोर्टल पर ए.डी.आर. एवं भ्रामक विज्ञापन रिपोर्ट करने हेतु प्रस्तुति।
सक्रिय सहभागिता और समापन
इस कार्यशाला में देहरादून जिले के 58 पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों** ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम के मंच संचालन की जिम्मेदारी डॉ. तरूण कुमार, सलाहकार (आयु.) ने निभाई।
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, और कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ।