
हरिद्वार में साइकोट्रोपिक्स एवं नारकोटिक्स दवाइयों पर सख्ती, जिलाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश
हरिद्वार, 28 जनवरी 2025 – साइकोट्रोपिक्स एवं नारकोटिक्स दवाइयों के उत्पादन और वितरण को लेकर हरिद्वार प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने एनआईसी सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में इन दवाइयों से सम्बंधित कंपनियों की गहनता से सत्यापन एवं जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
फर्जी गोदाम और कंपनियों पर होगी कार्यवाही
जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि फार्मा क्षेत्र में जनपद की प्रतिष्ठा को किसी भी प्रकार की हानि न हो। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि केवल कागजों पर चलने वाले फर्जी गोदामों एवं कंपनियों के खिलाफ त्वरित और कठोर अभियान चलाया जाए। इस दिशा में कार्रवाई करने के लिए सीओ सदर, सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर और महाप्रबंधक उद्योग की तीन सदस्यीय संयुक्त टीम का गठन किया गया है। यह टीम जिले में संचालित सभी संबंधित कंपनियों की जांच करेगी।
सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान और पारदर्शिता
संपूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान हेतु एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके। इसके अलावा, कंपनियों के पर्चेज़ ऑर्डर (खरीद आदेश) पुलिस विभाग के साथ साझा करने की भी व्यवस्था की जाएगी।
ड्रग्स के डायवर्जन पर रोक
जिलाधिकारी ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ड्रग्स का डायवर्जन न हो और कोई भी कंपनी निर्धारित कोटे एवं क्षमता से अधिक साइकोट्रोपिक्स एवं नारकोटिक्स दवाइयों की आपूर्ति न करे। किसी भी दशा में फर्जी खरीद–फरोख्त न होने पाए और यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उच्च अधिकारियों की मौजूदगी
इस बैठक में प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र चौधरी, सीओ अविनाश वर्मा, इंस्पेक्टर विजय सिंह, ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल थे।
प्रशासन द्वारा उठाए गए इन कड़े कदमों से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि जिले में दवा उद्योग से जुड़े सभी कार्यों की बारीकी से निगरानी की जाएगी और अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी भी इकाई को बख्शा नहीं जाएगा।