हरिद्वार में कफ सिरप निर्माता Dr. Pals Pharmaceuticals कंपनी पर एफडीए की बड़ी कार्रवाई

हरिद्वार में कफ सिरप निर्माता Dr. Pals Pharmaceuticals कंपनी पर एफडीए की बड़ी कार्रवाई

GMP मानकों के उल्लंघन पर उत्पादन बंद, बाजार में सप्लाई पर रोक — ड्रग लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति

हरिद्वार,  जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) ने कफ सिरप और अन्य औषधियों के निर्माण एवं वितरण में गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है।
ड्रग आयुक्त श्री ताजबर सिंह के कड़े निर्देशों पर विभाग की टीम ने हरिद्वार स्थित Dr. Pals Pharmaceuticals India Private Limited पर बड़ी कार्रवाई की है। यह कंपनी कफ सिरप और विभिन्न फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्माण करती है।

निरीक्षण में कई गंभीर खामियां उजागर

औषधि विभाग की सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती और CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) की संयुक्त टीम ने कंपनी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम को उत्पादन प्रक्रिया में कई गंभीर खामियां मिलीं।
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी GMP (Good Manufacturing Practices) के निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रही थी। दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण, सफाई व्यवस्था, रॉ मटेरियल स्टोरेज, और रिकॉर्ड मेंटेनेंस जैसे मूलभूत मानकों की भारी अनदेखी की जा रही थी।

टीम ने पाया कि कंपनी के क्वालिटी कंट्रोल सेक्शन में आवश्यक टेस्टिंग रिकार्ड अधूरे थे, उत्पादन स्थल पर स्वच्छता और तापमान नियंत्रण व्यवस्था लचर थी, और रॉ मटेरियल के स्टॉक रजिस्टर में अनियमितताएं दर्ज थीं।

तत्काल उत्पादन बंद, दवाओं की सप्लाई पर रोक

इन गंभीर उल्लंघनों को देखते हुए ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कंपनी को तत्काल प्रभाव से उत्पादन बंद (Stop Production) करने के आदेश जारी किए।
इसके साथ ही कंपनी के गोदाम में रखी तैयार दवाओं की बाजार में सप्लाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
टीम ने मौके से कई कफ सिरप और टेबलेट सैंपल भी जब्त कर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे हैं, जिससे उत्पादों की वास्तविक गुणवत्ता और सुरक्षा की पुष्टि हो सके।

विभाग ने कंपनी के खिलाफ औषधि निर्माण लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति राज्य औषधि आयुक्त कार्यालय को भेज दी है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

“जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं” — अनीता भारती

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा कि हरिद्वार में औषधि निर्माण और बिक्री व्यवस्था को पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा,

“जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी स्तर पर दवा निर्माण मानकों की अनदेखी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

लगातार चल रहा निरीक्षण अभियान

एफडीए की टीमें पिछले कई दिनों से हरिद्वार जिले के मेडिकल स्टोर्स, अस्पतालों और फार्मा यूनिट्स पर ताबड़तोड़ निरीक्षण कर रही हैं।
कई स्थानों से कफ सिरप, एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाओं के सैंपल लिए जा चुके हैं। दोषी पाए जाने वाले मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

राज्य औषधि विभाग का सख्त संदेश

राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी फार्मा कंपनियों को GMP मानकों का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा।
किसी भी प्रकार की लापरवाही, दस्तावेजों की कमी या उत्पादन में तकनीकी खामियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ड्रग आयुक्त ताजबर सिंह ने कहा कि राज्य में फार्मा सेक्टर की विश्वसनीयता और जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए विभाग पूरी सतर्कता से कार्य कर रहा है।

जनहित में चेतावनी

विभाग ने जनता से अपील की है कि वे दवाएं केवल लाइसेंस प्राप्त मेडिकल स्टोर्स और वैध निर्माताओं की उत्पादित दवाएं ही खरीदें।
संदेहास्पद या नकली दवा की जानकारी तुरंत औषधि निरीक्षक कार्यालय या टोल-फ्री हेल्पलाइन पर साझा करें।

उत्तराखंड एफडीए का उद्देश्य स्पष्ट है — राज्य में केवल सुरक्षित, मानक और गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही जनता तक पहुंचें।


 

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