हरिद्वार में जूस एवं पल्प फैक्ट्री पर छापा, 1560 किलो अस्वास्थ्यकर पल्प नष्ट
हरिद्वार, हरिद्वार के जियापोता गाँव में स्थित एक जूस एवं पल्प फैक्ट्री में खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने शनिवार को अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में पाए गए गंभीर कमियों और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।
निरीक्षण में पाया गया कि फैक्ट्री में लगभग 760 किलो एप्पल पल्प और 800 किलो कीवी पल्प सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से स्टोर नहीं किए गए थे। ये पल्प 8 प्लास्टिक कंटेनरों में रखा गया था, जो लंबे समय तक खुले और अस्वास्थ्यकर वातावरण में रहने के कारण उपभोक्ताओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते थे। मौके पर अधिकारियों ने तुरंत सभी पल्प को नष्ट कर दिया। कुल मिलाकर 1560 किलो फल पल्प को नष्ट किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में सफाई और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा, प्रयोग में लाए जा रहे परिरक्षक और अन्य सामग्री की गुणवत्ता भी संदिग्ध पाई गई। इस आधार पर, तीन नमूने जांच के लिए रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- एप्पल पल्प का एक नमूना
- लीची पल्प का एक नमूना
- प्रयोग में प्रयुक्त सिट्रिक एसिड (Citric Acid) का एक नमूना
फैक्ट्री के संचालन पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक निर्माण गतिविधि बंद करने का नोटिस भी जारी किया गया है। अधिकारी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और खाद्य उद्योग में स्वच्छता और स्वास्थ्य मानकों का पालन कराना है।
खाद्य एवं औषधि विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी फैक्ट्री द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह निरीक्षण नियमित तौर पर किया जाएगा और ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी।
स्थानीय लोग और उपभोक्ता इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कारखानों में अस्वास्थ्यकर पल्प और जूस का उत्पादन खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, फल पल्प और जूस का उत्पादन करते समय तापमान, सफाई, और सामग्री की गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। किसी भी तरह की लापरवाही से उत्पाद दूषित हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं है, बल्कि खाद्य सुरक्षा कानूनों का सख्त पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में ऐसे किसी भी उल्लंघन की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए विभाग और अधिक कड़े निरीक्षण करेंगे।
इस कार्रवाई के बाद फैक्ट्री मालिक और कर्मचारियों को साफ-सफाई और सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। विभाग ने कहा कि अगर अगले निरीक्षण में सुधार नहीं पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है।