
गुजरात में फार्मास्युटिकल उद्योग की बड़ी छलांग: 1,500 MSME संशोधित अनुसूची एम के अनुपालन की दिशा में अग्रसर
गुजरात का फार्मास्युटिकल उद्योग एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। राज्य की लगभग 1,500 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) कंपनियां संशोधित अनुसूची एम दिशानिर्देशों के पूर्ण अनुपालन की दिशा में अग्रसर हैं। यह बदलाव न केवल दवा उद्योग के लिए बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
गुजरात खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (FDCA) के आयुक्त डॉ. एच. जी. कोशिया ने इस पहल को उद्योग के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ये फर्म सक्रिय रूप से आंतरिक विश्लेषण कर रही हैं और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को अपनी अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं।
गुजरात FDCA की पहल और रणनीति गुजरात FDCA की ओर से संशोधित अनुसूची एम दिशानिर्देशों को अपनाने और लागू करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दवा निर्माण में गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करना है। इसके तहत 150 नियामक और प्रवर्तन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे उद्योग को इन दिशानिर्देशों के अनुपालन में सहायता कर सकें।
राष्ट्रीय cGMP दिवस (10 अक्टूबर, 2024) के अवसर पर इन प्रशिक्षण सत्रों की शुरुआत की गई थी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के फार्मा निर्माता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रहें।
संशोधित अनुसूची एम के अनुपालन के प्रमुख पहलू संशोधित अनुसूची एम दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कंपनियों को अपने विनिर्माण संयंत्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना होगा। इसके तहत:
- संदूषण रोकने और उच्च उत्पादन मानकों को बनाए रखने के लिए उन्नत उपकरणों का उपयोग।
- गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र को मजबूत बनाना, ताकि उत्पादों की सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित की जा सके।
- क्रॉस-संदूषण को रोकने के लिए बेहतर स्वच्छता उपायों का पालन।
- वैश्विक पर्यावरण मानकों के अनुरूप वायु, जल और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को अपनाना।
गुजरात की फार्मा उद्योग में भूमिका गुजरात देश के कुल फार्मास्यूटिकल उत्पादन में 30% से अधिक का योगदान देता है। ऐसे में, इन नए दिशानिर्देशों को अपनाने से न केवल राज्य की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित और प्रभावी दवाएं मिलेंगी।
डॉ. कोशिया के अनुसार, “MSME कंपनियों का अनुसूची एम दिशानिर्देशों के अनुपालन की दिशा में बढ़ना दर्शाता है कि गुजरात नवाचार और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह पहल भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक दवा शक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।”
निष्कर्ष संशोधित अनुसूची एम दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए गुजरात FDCA और दवा कंपनियों की यह पहल राज्य को फार्मास्युटिकल उद्योग में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। इससे न केवल भारत की वैश्विक दवा आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध होंगी।