त्योहारों पर FDA का शिकंजा: धामी सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ छेड़ा दूसरा चरण अभियान

 

 त्योहारों पर FDA का शिकंजा: धामी सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ छेड़ा दूसरा चरण अभियान

देहरादून।  उत्तराखंड में त्योहारों की रौनक अब मिलावटखोरों के लिए आफत बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर जनता की थाली में मिलावट की जगह शुद्धता और सुरक्षा परोसी जाए। नवरात्रों में मिलावटखोरी के खिलाफ चलाए गए अभियान की सफलता के बाद अब दशहरा और दीपावली को देखते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने अपने विशेष अभियान का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इस अभियान ने अब पूरे प्रदेश में मिलावटखोरों में खौफ पैदा कर दिया है।

 मुख्यमंत्री धामी का संदेश – “थाली हो शुद्ध, खुशियाँ हों सुरक्षित”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त लहजे में कहा, “त्योहार खुशियों और आपसी मेलजोल का समय होते हैं। मेरी प्राथमिकता है कि हर घर की थाली शुद्ध रहे और हर परिवार की खुशियाँ सुरक्षित रहें। किसी भी कीमत पर जनता के स्वास्थ्य से समझौता नहीं होगा। विभाग को आदेश दिए गए हैं कि मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। त्योहारों की मिठास को मिलावट से मुक्त रखना सरकार की जिम्मेदारी है।”

मुख्यमंत्री के इस बयान ने साफ कर दिया है कि इस बार त्योहारों में मिलावट करने वालों की खैर नहीं है।

 राज्यव्यापी सघन अभियान

FDA ने अभियान को बड़े पैमाने पर शुरू किया है। गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल के सभी जिलों में विशेष टीमें बनाई गई हैं। मिठाई प्रतिष्ठानों, मिष्ठान भंडारों, डेयरी उत्पाद विक्रेताओं, नमकीन दुकानों और खाद्य उत्पाद बनाने वाली इकाइयों पर लगातार छापे और सैंपलिंग की जा रही है।

हाइवे और प्रमुख यात्रा मार्गों पर मोबाइल वैन भी तैनात की गई हैं, जिनके जरिए मौके पर ही सैंपल उठाए जा रहे हैं। मुख्यालय स्तर पर FDA के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी अभियान की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। वे समय-समय पर जिलों की टीमों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं और अभियान की रिपोर्ट ले रहे हैं।

 उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

FDA आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा ही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “त्योहारी सीजन में दूध, खोया, मिठाई और घी-तेल जैसे उत्पादों में मिलावट की शिकायतें अक्सर आती हैं। लेकिन इस बार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि उपभोक्ताओं को केवल शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिले।”

 दोषियों पर कार्रवाई, मिलावटखोरों में हड़कंप

प्रत्येक जनपद स्तर पर गठित टीमें दूध, खोया, मिठाई, तेल, मसाले और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में भेज रही हैं। शुरुआती जांच में जहां भी गड़बड़ी पाई जा रही है, दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। जुर्माना, लाइसेंस रद्द करने से लेकर एफआईआर दर्ज करने तक की कार्यवाही हो रही है।

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि मुख्यालय स्तर से अभियान की पूरी मॉनिटरिंग हो रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

 उपभोक्ताओं के लिए अपील

FDA ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वे त्योहारों पर खरीदारी करते समय सतर्क रहें। खुले में बिकने वाले मिठाई, दूध और नमकीन से परहेज करें और पैकेजिंग, एक्सपायरी डेट व FSSAI मार्क अवश्य जांचें। यदि कहीं भी मिलावट या खराब क्वालिटी का संदेह हो, तो तुरंत विभाग को सूचना दें।

 त्योहार होंगे शुद्धता और विश्वास के प्रतीक

सरकार का मानना है कि त्योहार खुशियों, भाईचारे और आस्था का समय होते हैं। ऐसे में अगर मिलावटखोरी पर सख्ती न बरती जाए तो यह सीधे लोगों की सेहत और विश्वास से खिलवाड़ होगा। इसलिए राज्य सरकार ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी है।

धामी सरकार के इस अभियान से उपभोक्ताओं में भरोसा बढ़ा है और व्यापारी वर्ग में भी संदेश साफ है कि मिलावट का खेल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


कुल मिलाकर, इस बार उत्तराखंड में त्योहारों की मिठास मिलावट से नहीं, बल्कि शुद्धता और पारदर्शिता से महकेगी। मुख्यमंत्री से लेकर FDA तक सबकी प्राथमिकता साफ है—
“हर घर की थाली शुद्ध और हर परिवार की खुशियाँ सुरक्षित।”

 

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