नकली दवाइयों के साम्राज्य की सरगना निकली फार्मा मालिक की बेटी — STF ने किया बड़ा खुलासा
लुधियाना/कानपुर। देशभर में लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले नकली दवाइयों के नेटवर्क का भंडाफोड़ हो गया है। इस पूरे गोरखधंधे की सरगना कोई बाहरी अपराधी नहीं, बल्कि कानपुर स्थित श्रीलक्ष्मी फार्मा के मालिक राहुल अग्रवाल की बेटी वर्तिका अग्रवाल निकली है।
स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीम ने अगस्त में एक तस्कर की गिरफ्तारी के बाद जब जांच की परतें खोलीं तो सामने आया कि इस खतरनाक जाल का संचालन खुद वर्तिका करती थी। पुलिस ने उसे कानपुर से गिरफ्तार कर लुधियाना लाकर अदालत में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
मेडिकल स्टोर के पीछे चल रही थी नकली दवाइयों की फैक्ट्री
पुलिस जांच में सामने आया कि वर्तिका अग्रवाल ने अपने मेडिकल स्टोर के पीछे बनी तीन मंजिला इमारत में ही नकली दवाइयां बनाने की फैक्ट्री तैयार कर रखी थी।
यहीं पर दवाओं की पैकिंग, स्टिकर लगाना और ब्रांडेड कंपनियों के नामों की नकल कर मार्केट में भेजने का काम होता था। आरोपी वर्तिका अपने दोस्त मोहम्मद हसन के जरिये पंजाब, हरियाणा, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक सप्लाई करती थी।
ट्रेन और बसों से होती थी सप्लाई
जांच अधिकारी एसआई नरेश कुमार के अनुसार, वर्तिका और हसन लोकल स्तर पर बसों के जरिये दवाएं भेजते थे, जबकि दूर के राज्यों में ट्रेन के जरिये सप्लाई की जाती थी।
इन नकली दवाइयों को शहरों के बड़े अस्पतालों के बाहर स्थित मेडिकल स्टोरों पर भेजा जाता था और ब्रांडेड नामों से महंगे दामों पर बेचा जा रहा था। इस धंधे से आरोपी करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहे थे।
फोन और बैंक रिकॉर्ड से बड़े खुलासे
STF ने वर्तिका के फोन से कई चैट, वॉयस कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक लेनदेन के सबूत बरामद किए हैं। इनसे स्पष्ट हुआ कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और कई राज्यों में फैला हुआ था।
वर्तिका और मोहम्मद हसन के बीच पैसों के लेनदेन के अलावा कई मेडिकल स्टोर मालिकों से बातों के रिकॉर्ड भी मिले हैं। जांच टीम अब वर्तिका के बैंक अकाउंट्स और लेन-देन की डिटेल खंगाल रही है।
देशभर में फैला नेटवर्क, कई नाम आए सामने
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस नेटवर्क के तार देश के कई बड़े शहरों से जुड़े हैं। अहमदाबाद में भी STF ने छापेमारी की, जहां कुछ मेडिकल स्टोरों पर संदिग्ध गतिविधियां मिलीं।
पुलिस अब मुख्य सप्लायर मोहम्मद हसन की तलाश में जुटी है और अनुमान है कि आने वाले दिनों में कई बड़े कारोबारी और फार्मा कंपनियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
जांच जारी, कई और खुलासों की संभावना
एसआई नरेश कुमार ने बताया कि यह मामला अभी शुरुआती चरण में है। पुलिस को उम्मीद है कि रिमांड के दौरान वर्तिका अग्रवाल से पूछताछ में कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे जो इस काले कारोबार का हिस्सा रहे हैं।
नकली दवाइयों के इस नेटवर्क ने न केवल कानून की धज्जियां उड़ाईं, बल्कि मरीजों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया।