उत्तराखंड में नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़, नेपाल बॉर्डर से तीन आरोपी गिरफ्तार — ठाणे पुलिस की बड़ी कार्रवाई
उत्तराखंड — महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलता हासिल करते हुए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक अवैध दवा निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाई ठाणे में मादक पदार्थों की बरामदगी के बाद की गई, जिसमें पुलिस ने जांच के आधार पर फैक्ट्री तक की कड़ी जोड़ी।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमरसिंह जाधव ने बताया कि ठाणे शहर में 1 जून को विशाल सिंह और मल्लेश शेवला नामक दो आरोपियों को 10.93 ग्राम मेफेड्रोन के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसकी कीमत 35,000 रुपये बताई गई। पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि उन्होंने यह प्रतिबंधित ड्रग उत्तराखंड से मंगवाया था।
इसके बाद ठाणे पुलिस की एक विशेष टीम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मेल्टोडा गांव पहुंची, जहां छापेमारी में 18.54 लाख रुपये की मशीनें, रसायन और अन्य कच्चा माल बरामद किया गया। यह सामग्री एक दवा निर्माण यूनिट से जब्त की गई, जो अवैध रूप से संचालित हो रही थी।
हालांकि कार्रवाई से पहले वहां काम करने वाले तीन लोग फरार हो गए। बाद में खुफिया जानकारी के आधार पर एक दूसरी टीम उत्तराखंड के चंपावत जिले के तकलपुर भेजी गई। आरोपियों को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल सीमा के पास 28 जून को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की पहचान:
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ओम जयगोविंद गुप्ता उर्फ मोनू (उत्तराखंड निवासी)
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अमरकुमार लक्ष्मणराम कोहली (उत्तराखंड निवासी)
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भीम यादव (नालासोपारा, मुंबई निवासी)
पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों को अब 5 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। अधिकारी जाधव ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस इस ड्रग सिंडिकेट से जुड़े अन्य नेटवर्क और सहयोगियों का भी पता लगाने में जुटी है।
यह कार्रवाई दिखाती है कि कैसे उत्तर भारत के सीमावर्ती क्षेत्र अब प्रतिबंधित दवाओं के निर्माण और तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों के लिए यह न केवल राज्य स्तर, बल्कि अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय तस्करी का एक अहम संकेत है।