दवाओं की नई कीमतें: मरीज़ों के लिए राहत या उद्योग के लिए चुनौती?

Newsalert

schedule
2025-03-07 | 06:18h
update
2025-03-11 | 22:21h
person
newsalert.city
domain
newsalert.city

दवाओं की नई कीमतें: मरीज़ों के लिए राहत या उद्योग के लिए चुनौती?

औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की हाल ही में हुई बैठक में 53 नई दवाओं की खुदरा कीमतें तय कर दी गई हैं। ये कीमतें विभिन्न फार्मा कंपनियों के आवेदनों के आधार पर तय की गई हैं और इसमें बड़ी संख्या में मधुमेह तथा हृदय रोग से जुड़ी दवाएं शामिल हैं।

मधुमेह की दवाओं पर ध्यान

एनपीपीए द्वारा तय की गई कीमतों में सबसे अधिक चर्चा एम्पाग्लिफ्लोज़िन की रही, जो जर्मन दवा कंपनी बोह्रिंजर इंगेलहेम द्वारा पेटेंट की गई थी। इस दवा का पेटेंट 10 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाला है, जिससे अन्य कंपनियों को इसे बाजार में उतारने का अवसर मिलेगा। ज़ाइडस हेल्थकेयर, एल्केम लेबोरेटरीज, मोरपेन, यूएसवी, कैडिला, एमक्योर, एबॉट और इंटास जैसी कंपनियों को एम्पाग्लिफ्लोज़िन और मेटफॉर्मिन के संयोजन वाली दवाओं की कीमतों की मंजूरी मिली है।

इसके अलावा, ज़ाइडस हेल्थकेयर, अजंता फार्मा, सिप्ला, ब्लू क्रॉस, एक्यूमेंटिस और प्राइमस रेमेडीज को डेपाग्लिफ्लोजिन, सिटाग्लिप्टिन, लिनाग्लिप्टिन, विल्डेग्लिप्टिन और टेनेलिग्लिप्टिन जैसी अन्य मधुमेह विरोधी दवाओं की कीमतों की भी मंजूरी दी गई है।

Advertisement

हृदय रोग और अन्य दवाएं भी सूची में

हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में उपयोग होने वाली टेल्मिसर्टन और बिसोप्रोलोल फ्यूमरेट जैसी दवाओं के लिए भी कैडिला, टोरेंट, जर्मन रेमेडीज और वर्कसेल सॉल्यूशंस को कीमतों की स्वीकृति दी गई है।

अन्य अनुमोदित दवाओं में शामिल हैं:

  • जेबी केमिकल्स से सेफिक्साइम और ओफ्लॉक्सासिन ओरल सस्पेंशन
  • एफडीसी लिमिटेड से सेफिक्साइम ओरल सस्पेंशन
  • मैकलियोड्स फार्मास्यूटिकल्स से मिथाइलकोबालामिन और विटामिन डी3 युक्त गोलियां
  • ल्यूपिन से एस्सिटालोप्राम ऑक्सालेट और क्लोनाज़ेपम की गोलियां
  • एबॉट इंडिया से लैक्टुलोज एनीमा
  • डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज से मेफेनामिक एसिड और ट्रैनेक्सैमिक एसिड की गोलियां

बदलाव का प्रभाव

एनपीपीए की यह अधिसूचना खासतौर पर मधुमेह के मरीजों के लिए राहत लेकर आई है, क्योंकि इससे दवाओं की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी और अधिक प्रतिस्पर्धा से दवाएं सस्ती हो सकती हैं। हालांकि, पेटेंट समाप्त होने के बाद जेनेरिक दवाओं की आमद से ब्रांडेड दवाओं के निर्माताओं के लिए चुनौती बढ़ सकती है।

इससे पहले, फरवरी में एनपीपीए ने 42 दवाओं की कीमतें तय की थीं, जिनमें कई मधुमेह और हृदय रोग की दवाएं शामिल थीं। इन नीतियों से मरीजों को सस्ती दवाएं मिल सकेंगी, लेकिन फार्मा कंपनियों के लिए यह संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन मूल्य निर्धारण नीतियों से बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है – क्या यह मरीजों के लिए राहत साबित होगी, या उद्योग के लिए नई रणनीतियां बनाने का संकेत देगी?

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
newsalert.city
Privacy & Terms of Use:
newsalert.city
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
11.03.2025 - 22:21:44
Privacy-Data & cookie usage: