देहरादून में बड़ी कार्रवाई: सेलाकुई की दो दवा कंपनियों पर गिरी गाज, ट्रामाडोल–प्रीगैबलिन का लाइसेंस निलंबित!
देहरादून। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में अवैध या संदिग्ध दवा निर्माण पर बड़ा प्रहार किया है। औचक निरीक्षण के दौरान विभाग ने दो कंपनियों में नारकोटिक्स दवाओं—ट्रामाडोल और प्रीगैबलिन के निर्माण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं।

यह कार्रवाई एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के निर्देश पर की गई। उनकी गाइडेंस में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक महेंद्र राणा की टीम ने सेलाकुई स्थित कई फार्मा कंपनियों पर अचानक दस्तक दी।
जीएमपी–जीएलपी मानकों की गहन जांच
निरीक्षण के दौरान टीम ने दवा निर्माण में अनुपालन होने वाले
Good Manufacturing Practices (GMP) और
Good Laboratory Practices (GLP)
के मानकों की बारीकी से पड़ताल की।
✔ कई जगह खामियां मिलीं
✔ कुछ कंपनियों में दस्तावेजी और तकनीकी प्रक्रियाएं सही नहीं पाई गईं
✔ नारकोटिक दवाओं के रिकॉर्ड और सेफ्टी प्रोटोकॉल भी सवालों के घेरे में मिले
पहले से बंद यूनिट्स भी हुए चेक
टीम ने उन फर्मों का भी निरीक्षण किया, जिन पर पहले RBI रिपोर्ट और पिछली जांचों के आधार पर उत्पादन रोकने के निर्देश दिए गए थे।
जांच में यह पाया गया कि बंद की गई यूनिट्स में दवा निर्माण नहीं हो रहा था, यानी आदेश का पालन किया जा रहा था।
दो कंपनियों का लाइसेंस निलंबित
निरीक्षण में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद ट्रामाडोल और प्रीगैबलिन जैसे संवेदनशील नारकोटिक उत्पादों का निर्माण करने वाली दो कंपनियों के लाइसेंस को अगली आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया।
अपर आयुक्त बोले—नारकोटिक दवाओं पर जीरो टॉलरेंस
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा—
“नारकोटिक्स दवाइयों की निगरानी पूरे प्रदेश में कड़ी की गई है। नियमों के किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी। सेलाकुई की दो कंपनियों में गंभीर खामियां मिलीं, इसलिए लाइसेंस निलंबित किया गया है।”



