डाबर समेत 3 कंपनियों की 6 आयुर्वेदिक दवाओं पर बड़ा एक्शन — बिक्री पर तुरंत रोक, स्टॉक वापस करने के आदेश!
मध्यप्रदेश में आयुष विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डाबर इंडिया लिमिटेड सहित तीन प्रमुख कंपनियों की 6 आयुर्वेदिक औषधियों को अवमानक और मानकों पर खरा न उतरने के कारण पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है। ग्वालियर लैब की रिपोर्ट में ये दवाएं औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 और नियम 1945 के निर्धारित मापदंडों पर फेल पाई गईं।
इसके बाद आयुष कमिश्नर ने पूरे राज्य में इन दवाओं की खरीद, बिक्री, भंडारण और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है।
कौन–कौन सी कंपनियों की कौन–सी दवाएं बैन?
1. Sharmaayu Genuine Ayurveda, श्री शर्मा आयुर्वेद मंदिर, दतिया
- गिलोय सत्व – बैच नं. 005P-1
- कामदुधा रस – बैच नं. 25117002P-1
2. Unit-II Shree Dhanwantri Herbals, गुरूमाजरा, सोलन (HP)
- प्रवाल पिष्टी – बैच नं. PPMB-077
- मुक्ता शुक्ति – बैच नं. MSBBD-059
3. डाबर इंडिया लिमिटेड, साइट-4, साहिबाबाद (U.P.)
- कफ कुठार – बैच नं. SB00066
- लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) – बैच नं. SB00665
आदेश साफ है—इन बैचों की दवाएं अब मध्यप्रदेश में कहीं भी न बेची जाएंगी, न स्टोर होंगी और न ही वितरित की जाएंगी।
छिंदवाड़ा और दतिया से लिए गए थे सैंपल
जिला आयुष अधिकारी डॉ. नरेन्द्र पटेल के अनुसार,
छिंदवाड़ा और दतिया जिलों से इन दवाओं के सैंपल लेकर ग्वालियर लैब भेजे गए थे।
जांच में गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने के बाद राज्यभर में तुरंत प्रतिबंध लागू कर दिया गया।
आयुष विभाग ने विक्रेताओं को कड़ी चेतावनी
आदेश के बाद सभी आयुर्वेदिक दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी किए गए हैं—
- प्रतिबंधित बैच का स्टॉक तुरंत हटाएं
- कंपनी को वापस करें
- किसी भी स्तर पर बिक्री, उपयोग या भंडारण पाया गया तो
कठोर कार्रवाई, सस्पेंशन से लेकर कानूनी दंड तक!
आयुष विभाग ने साफ कहा है कि निगरानी लगातार जारी है, और
आदेश का उल्लंघन करने वालों पर औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत भारी दंड होगा।



