कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 11 मासूमों की मौत का हाहाकार — डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी पर शिकंजा, पूरे देश में कफ सिरप पर सख्ती की तैयारी
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से देश को हिला देने वाली खबर सामने आई है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 11 मासूम बच्चों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। शनिवार रात जिला पुलिस ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों को वही दूषित कफ सिरप देने की सलाह दी थी जिससे मौतें हुईं।
दिन में इससे पहले, श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी के संचालकों और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। यह कार्रवाई परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी अंकित सहलम की शिकायत पर की गई। मामला औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अपनाते हुए डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। सरकार ने सभी जिलों में ऐसे मामलों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी जारी किए हैं।
जहर मिला सिरप – लैब रिपोर्ट में खुलासा
जाँच रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया — यह वही ज़हरीला रसायन है जो किडनी फेल होने और मौत का कारण बन सकता है। सूत्रों के अनुसार, लगभग सभी प्रभावित बच्चों को यही सिरप दिया गया था।
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार शाम कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। राज्य औषधि नियंत्रक ने सभी मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को निर्देश दिया है कि वे स्टॉक को फौरन सील करें और बिक्री बंद करें।
श्रीसन फार्मा पर घिरता शिकंजा
यह जहरीला सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स में बनाया गया था। 2 अक्टूबर को तमिलनाडु औषधि नियंत्रण निदेशालय की जांच रिपोर्ट में इस सिरप को “गैर-मानक और दोषपूर्ण (NSQ)” घोषित किया गया था। राज्य सरकार ने इसके बाद कंपनी के सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी है।
केंद्र सरकार भी सख्त – सभी राज्यों को अलर्ट
घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और औषधि नियंत्रकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाने की तैयारी की है। बैठक में कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग और दवाओं की गुणवत्ता व सुरक्षा सुनिश्चित करने पर चर्चा होगी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्र अब सभी राज्यों में उपलब्ध बच्चों की दवाओं के नमूने की व्यापक जांच कराने की दिशा में बढ़ रहा है ताकि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।
देशभर में गूंज – जनता में भय और आक्रोश
छिंदवाड़ा की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। स्थानीय लोगों ने दोषी डॉक्टर और कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड कर रहा है।
राज्य सरकार ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जांच एजेंसियां अब श्रीसन फार्मा के निर्माण, वितरण और आपूर्ति नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।