सीडीएससीओ की नई पहल: अब डिजिटल और खोज योग्य होगा एनएसक्यू व नकली दवाओं का अलर्ट

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सीडीएससीओ की नई पहल: अब डिजिटल और खोज योग्य होगा एनएसक्यू व नकली दवाओं का अलर्ट

नई दिल्ली।  केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देशभर में दवा की गुणवत्ता की निगरानी को और सख्त करते हुए एक बड़ी पहल की है। अब तक गैर-मानक गुणवत्ता (NSQ) और नकली दवाओं की सूची पीडीएफ प्रारूप में जारी की जाती थी, लेकिन अब इसे डिजिटल और सर्चेबल (खोज योग्य) रूप में उपलब्ध कराया गया है। इसके लिए सीडीएससीओ ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक विशेष लिंक बनाया है, जहाँ वर्षवार, माहवार और रिपोर्टिंग स्रोत के आधार पर एनएसक्यू और नकली दवाओं से संबंधित जानकारी आसानी से खोजी जा सकेगी।

औषधि महानियंत्रक (भारत) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस नए अलर्ट फॉर्मेट में उत्पाद का नाम, निर्माण विवरण और एनएसक्यू परिणाम जैसी जानकारियाँ पारदर्शी ढंग से उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि सभी हितधारक वेबसाइट पर जाकर नवीनतम अलर्ट देख सकते हैं और संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

जुलाई में 143 दवाएँ पाई गईं NSQ

जुलाई 2025 में केंद्रीय और राज्य औषधि नियामक प्रयोगशालाओं ने कुल 143 औषधि नमूनों को गैर-मानक गुणवत्ता का पाया। इनमें से 46 नमूने केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं और 97 नमूने राज्य प्रयोगशालाओं द्वारा एनएसक्यू घोषित किए गए। सीडीएससीओ ने स्पष्ट किया कि एनएसक्यू की पहचान किसी विशेष बैच की विफलता के आधार पर की जाती है और इसका अर्थ यह नहीं है कि उसी ब्रांड की सभी दवाओं में समस्या है।

नकली दवाओं का बड़ा खुलासा

इसी अवधि में बिहार से सात और गाजियाबाद स्थित सीडीएससीओ उत्तरी क्षेत्र से एक औषधि नमूना नकली पाया गया। जाँच में सामने आया कि अनधिकृत निर्माताओं ने अन्य कंपनियों के ब्रांड नामों का दुरुपयोग करते हुए ये नकली दवाएँ तैयार की थीं। मामले की जांच जारी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उद्योग जगत की चिंता

लघु उद्योग भारती (एलयूबी) ने हाल ही में सरकार के सामने चिंता जताई थी कि हर महीने एनएसक्यू सूची जारी करने से भारतीय ब्रांड की साख खासकर अफ्रीकी बाजारों में प्रभावित हो रही है। संगठन का कहना है कि जहाँ 97.3% उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरते हैं, वहीं केवल 2.64% एनएसक्यू मामलों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। उद्योग ने माँग की है कि एनएसक्यू अलर्ट में पारदर्शिता बढ़ाई जाए और यह भी बताया जाए कि कितने नमूने सफलतापूर्वक परीक्षण में पास हुए।

उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर जोर

सीडीएससीओ का कहना है कि यह पूरी कवायद उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाजार से नकली एवं घटिया दवाओं को हटाने के लिए की जा रही है। राज्य नियामकों के सहयोग से इस दिशा में नियमित आधार पर निगरानी अभियान चलाए जा रहे हैं।

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