“सीबीआई की बड़ी कार्रवाई: 30 हजार की रिश्वत लेते बैंक मैनेजर रंगे हाथ गिरफ्तार”

“सीबीआई की बड़ी कार्रवाई: 30 हजार की रिश्वत लेते बैंक मैनेजर रंगे हाथ गिरफ्तार”

किसान क्रेडिट कार्ड लोन बढ़ाने के नाम पर वसूली कर रहा था रकम, सीबीआई ने जाल बिछाकर किया गिरफ्तार

नई दिल्ली/फर्रुखाबाद।  भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में एक बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई की टीम ने फर्रुखाबाद जिले के संकिसा शाखा, यूपी ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। अधिकारी 30,000 रुपये की घूस एक निजी व्यक्ति के माध्यम से ले रहा था।

शिकायत के बाद बनी कार्रवाई की नींव

सीबीआई को यह शिकायत मिली थी कि बैंक मैनेजर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने के नाम पर शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायतकर्ता का लोन 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये किया जाना था। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी ने 30,000 रुपये की अवैध मांग रखी और रकम अपने नजदीकी निजी व्यक्ति के जरिए लेने का दबाव बनाया।

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई ने 9 सितंबर 2025 को मामला दर्ज किया और अगले ही दिन, यानी 10 सितंबर को टीम ने जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, सीबीआई अधिकारियों ने दोनों—ब्रांच मैनेजर और निजी व्यक्ति—को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

अदालत में होगी पेशी

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को 11 सितंबर को सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई का कहना है कि जांच अभी जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी किन-किन अन्य मामलों में ऐसी वसूली कर चुका है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना और किसानों की उम्मीदें

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे वर्ष 1998 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को समय पर और सुलभ ऋण उपलब्ध कराना है ताकि वे खेती के लिए बीज, खाद, उपकरण और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इस योजना के तहत किसानों को सामान्य ब्याज दर पर लोन उपलब्ध होता है और समय पर अदायगी पर ब्याज में छूट भी दी जाती है।

लेकिन जब इस योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार घुसपैठ करता है तो किसान, जो पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे होते हैं, और अधिक परेशानी में आ जाते हैं। यह मामला भी किसानों पर डाले जाने वाले ऐसे ही अवैध दबाव का उदाहरण है।

बैंकिंग सेक्टर में भ्रष्टाचार की चुनौती

सीबीआई की इस कार्रवाई ने एक बार फिर बैंकिंग सेक्टर में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर ध्यान खींचा है। अक्सर शिकायतें सामने आती हैं कि बैंक अधिकारी लोन मंजूरी, सीमा बढ़ाने या सब्सिडी संबंधी कामों में सुविधा शुल्क की मांग करते हैं। इससे ईमानदार किसानों और ग्राहकों को नुकसान उठाना पड़ता है।

हाल ही में सीबीआई ने देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बैंक अधिकारियों को इसी तरह की रिश्वतखोरी में पकड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई और त्वरित सजा सुनिश्चित की जाए तो इस प्रवृत्ति पर काफी हद तक लगाम लग सकती है।

सीबीआई का सख्त संदेश

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेंसी की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। किसी भी व्यक्ति, चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या निजी क्षेत्र से जुड़ा हो, यदि वह रिश्वत लेते पकड़ा जाएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

इस घटना ने एक बार फिर आम लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी शिकायतें सिर्फ कागजों में दबकर नहीं रह जाएंगी, बल्कि उन पर कार्रवाई भी होगी।

फर्रुखाबाद का यह मामला दिखाता है कि भ्रष्टाचार किस तरह आम नागरिक, खासकर किसानों, की जिंदगी पर सीधा असर डालता है। किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं जिनका उद्देश्य किसानों को राहत देना है, वे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण बोझ का कारण बन जाती हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से न केवल एक भ्रष्ट अधिकारी सलाखों के पीछे जाएगा, बल्कि यह भी संदेश गया है कि अगर आम नागरिक हिम्मत करके भ्रष्टाचार की शिकायत करें तो न्याय मिल सकता है।

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