कैंसर, मधुमेह और संक्रमण की दवाएं सस्ती होंगी: केंद्र सरकार ने 71 अहम दवाओं के रेट तय किए

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कैंसर, मधुमेह और संक्रमण की दवाएं सस्ती होंगी: केंद्र सरकार ने 71 अहम दवाओं के रेट तय किए

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नई दिल्ली। आम लोगों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कैंसर, मधुमेह और एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली 71 प्रमुख दवाओं की कीमतें निर्धारित कर दी हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) की नई अधिसूचना के मुताबिक, इन दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमत तय की गई है, जिसे कोई भी निर्माता पार नहीं कर सकेगा।

इन दवाओं में कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली ट्रैस्टुजुमाब इंजेक्शन से लेकर मधुमेह की 25 दवाओं के संयोजन, पेप्टिक अल्सर, और जानलेवा संक्रमणों के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाएं शामिल हैं।

कुछ प्रमुख दवाओं के निर्धारित मूल्य:

  • ट्रैस्टुजुमाब (Reliance Life Sciences)
    मेटास्टेटिक स्तन कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर में इस्तेमाल
    ➤ ₹11,966 प्रति शीशी

  • क्लैरिथ्रोमाइसिन + एसोमेप्राजोल + एमोक्सिसिलिन (Torrent Pharma)
    पेप्टिक अल्सर रोग में उपयोगी
    ➤ ₹162.5 प्रति टैबलेट

  • सेफ्ट्रिएक्सोन, डिसोडियम एडिटेट, सल्बैक्टम (Combipack)
    संक्रमण के इलाज में उपयोग
    ➤ ₹626 प्रति शीशी

  • टायकेम इन्फ्यूजन
    संक्रमण से लड़ने वाली दवा
    ➤ ₹515.5 प्रति शीशी

  • सिटाग्लिप्टिन और एम्पाग्लिफ्लोज़िन युक्त मधुमेह रोधी दवाएं
    मधुमेह नियंत्रण के लिए 25 योगों के रेट तय

निर्माता केवल तभी जोड़ सकेंगे GST

NPPA ने स्पष्ट किया है कि निर्माता केवल तभी जीएसटी जोड़ सकेंगे जब वह सरकार को इसका भुगतान कर चुके हों या वह देय हो। इससे दवाओं की कीमतों में अनावश्यक वृद्धि रोकी जा सकेगी।

मूल्य सूची डिस्प्ले करना अनिवार्य

फरवरी में जारी आदेश के अनुसार:

  • सभी डीलरों और रिटेलर्स को मूल्य सूची और उसके अपडेट्स अपने प्रतिष्ठानों पर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने होंगे ताकि कोई भी नागरिक यह देख सके कि दवा निर्धारित रेट पर बिक रही है या नहीं।

  • यह नियम ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म पर भी लागू होगा।

उपभोक्ताओं के हित में कदम

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “यह निर्देश नागरिकों को जागरूकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलेगी कि कहीं उनसे अधिक कीमत तो नहीं वसूली जा रही है।”


केंद्र सरकार का यह निर्णय दवाओं की कीमतों में पारदर्शिता लाने और आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं को आम जनता की पहुंच में बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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