बच्चों की मौत के बाद केंद्र सख्त — सभी राज्यों को निर्देश, हर दवा के कच्चे माल की होगी अनिवार्य जांच
कफ सिरप हादसे के बाद CDSCO ने जारी किया सख्त आदेश, कहा— “हर बैच की टेस्टिंग जरूरी”
नई दिल्ली, छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को कड़ा निर्देश जारी किया है कि अब से दवा निर्माण से पहले हर कच्चे माल — जिसमें एक्सिपिएंट्स (Excipients) और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) शामिल हैं — की जांच अनिवार्य रूप से की जाए।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि हाल के निरीक्षणों और जांचों में यह पाया गया कि कई निर्माता हर बैच की जांच नहीं कर रहे हैं, जिससे गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन हो रहा है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि ड्रग्स रूल्स, 1945 की रूल 74(c) और रूल 78(c)(ii) के तहत प्रत्येक निर्माता पर यह कानूनी दायित्व है कि वह हर बैच के कच्चे माल और तैयार उत्पाद की जांच अपने स्वयं के प्रयोगशाला या किसी स्वीकृत प्रयोगशाला में कराए और संबंधित अभिलेख बनाए रखे।
केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश:
- दवा निर्माण से पहले और बाजार में भेजने से पहले हर बैच की जांच सुनिश्चित की जाए।
- निरीक्षण के दौरान परीक्षण प्रक्रिया की निगरानी की जाए।
- निर्माताओं को जागरूक करने के लिए परिपत्र जारी किए जाएं।
- यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्माता केवल अनुमोदित और विश्वसनीय विक्रेताओं से ही कच्चा माल लें।
- प्रत्येक राज्य अपने स्तर पर की गई कार्रवाई की जानकारी केंद्र को भेजे।
पृष्ठभूमि
हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में दूषित कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में सिरप में मिले रसायनों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे, जिसके बाद सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षण व्यवस्था को और सख्त करने का निर्णय लिया है।
संदेश साफ है — अब कोई लापरवाही नहीं
डॉ. रघुवंशी ने कहा है कि दवा निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और यदि किसी कंपनी ने नियमों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।