अब हर मेडिकल स्टोर पर लगेगा “दवा सुरक्षा का QR कोड”! — उत्तराखंड FDA  अपर आयुक ताजबर सिंह ने जारी किया सख्त आदेश

अब हर मेडिकल स्टोर पर लगेगा “दवा सुरक्षा का QR कोड”! — उत्तराखंड FDA  अपर आयुक ताजबर सिंह ने जारी किया सख्त आदेश

मरीजों की सुरक्षा के लिए राज्यव्यापी अभियान, दवाओं के साइड इफेक्ट की शिकायत अब QR कोड से सीधे सिस्टम में जाएगी

देहरादून।  उत्तराखंड में अब किसी भी मेडिकल स्टोर पर दवा लेने जाएंगे तो आपको काउंटर पर एक नया QR कोड और टोल फ्री नंबर (1800-180-3024) साफ़ दिखाई देगा। यह कोई ऑफर नहीं, बल्कि सरकार की “दवा सुरक्षा मुहिम” है!
राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) ने सभी रिटेल और होलसेल दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी कर दिया है — अब हर मेडिकल स्टोर पर यह कोड और नंबर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा।

दवा से नुकसान? अब फोन या QR से तुरंत करें शिकायत

यह QR कोड भारत सरकार के Pharmacovigilance Programme of India (PvPI) से जुड़ा है। किसी भी दवा के सेवन से अगर किसी मरीज को साइड इफेक्ट या रिएक्शन होता है, तो वह अब सीधे QR कोड स्कैन करके या टोल फ्री नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकेगा।
यह शिकायत देश के नए ADRMS (Adverse Drug Reaction Management System) सॉफ्टवेयर में जाएगी, जो दवाओं, मेडिकल उपकरणों और वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पर नज़र रखेगा।

ताजबर सिंह का सख्त संदेश – मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि

उत्तराखंड FDA के अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने  जारी आदेश में कहा है,

“यह अभियान मरीजों की सुरक्षा के हित में शुरू किया गया है। हर दवा विक्रेता अपने प्रतिष्ठान पर QR कोड और PvPI नंबर को प्रमुख स्थान पर लगाए, ताकि जनता आसानी से दवा के दुष्प्रभाव की रिपोर्ट कर सके।”

राज्यभर में निगरानी शुरू – इंस्पेक्टरों को मैदान में उतारा गया

FDA ने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों और वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को आदेश जारी किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्टोर्स की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी प्रतिष्ठानों पर यह QR कोड और नंबर लगा हो।
साथ ही सभी ड्रग्स एसोसिएशनों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने सदस्यों तक यह आदेश तुरंत पहुंचाएं।

जनता के लिए बड़ी राहत

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम दवा सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
अब किसी भी दवा का साइड इफेक्ट या गड़बड़ी छिप नहीं पाएगी — हर शिकायत सीधा राष्ट्रीय डेटाबेस में दर्ज होगी।
इससे न केवल खराब या संदिग्ध दवाओं पर समय रहते कार्रवाई होगी, बल्कि भविष्य में त्रासदियों को भी रोका जा सकेगा।

QR कोड कहां से मिलेगा

दवा विक्रेताओं को यह QR कोड PvPI की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। स्टोर पर इसे ग्राहकों के सामने लगे स्थान पर लगाना अनिवार्य किया गया है।


“मरीजों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हर दवा का प्रभाव और जोखिम अब जनता खुद रिपोर्ट कर सकेगी” — ताजबर सिंह, अपर आयुक्त, FDA उत्तराखंड

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