Saturday

July 19, 2025 Vol 20

धामी सरकार का बड़ा एक्शन: नकली दवाओं के खिलाफ ऑपरेशन ‘क्लीन’ शुरू, सीमाओं पर चौकसी, टोल फ्री हेल्पलाइन भी जारी

धामी सरकार का बड़ा एक्शन: नकली दवाओं के खिलाफ ऑपरेशन ‘क्लीन’ शुरू, सीमाओं पर चौकसी, टोल फ्री हेल्पलाइन भी जारी

Pic

देहरादून,  उत्तराखंड में नकली, अधोमानक और नशीली दवाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्यव्यापी ‘ऑपरेशन क्लीन’ की शुरुआत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में चल रहे इस महाअभियान का उद्देश्य है – प्रदेश को “नशा मुक्त उत्तराखंड” बनाना और फार्मा सेक्टर में व्याप्त अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई करना।

स्प्यूरियस ड्रग्स पर शिकंजा, सीमावर्ती इलाकों में सघन जांच

प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों – विशेषकर भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। धारचूला, झूलाघाट, टनकपुर, बनबसा और खटीमा जैसे प्रवेश द्वारों पर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। नकली, नशीली और मिसब्रांडेड दवाओं के निर्माण, स्टोरेज और बिक्री में शामिल तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

QRT टीम फ्रंटफुट पर, राज्यभर में छापेमारी

मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है, जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह कर रहे हैं। यह टीम प्रदेशभर में औषधि निर्माण इकाइयों, थोक और फुटकर विक्रेताओं पर छापेमारी और निगरानी अभियान चला रही है। टीम में औषधि निरीक्षकों और विश्लेषकों की विशेष भूमिका है।

औषधि विश्लेषणशालाएं और सैंपलिंग प्रणाली मजबूत

राज्य की विश्लेषणशालाओं को आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है, जहाँ हर सप्ताह संदिग्ध दवाओं के सैंपल की वैज्ञानिक जाँच हो रही है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, “राज्य का लक्ष्य है कि एक भी नकली दवा उपभोक्ता तक न पहुँचे। हर रिपोर्ट पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

जनभागीदारी भी बनेगी हथियार

अभियान का दूसरा पहलू जन-जागरूकता है। प्रदेशभर के स्कूलों में नशा मुक्ति शिक्षा, मेडिकल स्टोर्स पर औषधियों की वैधता की जांच, रेडियो-टीवी-प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार चलाया जा रहा है। NGO और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भी इसमें सहभागिता सुनिश्चित की गई है।

शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर: 18001804246

नकली और संदेहास्पद औषधियों की सूचना देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 जारी की है। किसी भी नागरिक द्वारा दी गई सूचना पर तत्काल जांच व कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति

स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यह महाअभियान केवल औषधि नियंत्रण नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में निर्णायक पहल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने फार्मा सेक्टर में अनुशासन और पारदर्शिता लाने का संकल्प लिया है।

“उत्तराखंड में अब नकली और नशीली दवाओं के लिए कोई जगह नहीं। यह निर्णायक लड़ाई है।”
— डॉ. आर. राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव


Newsalert

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *