रामलला के नाम पर ऑनलाइन प्रसाद घोटाला: श्रद्धालुओं से करोड़ों की ठगी, आरोपी गिरफ्तार
अयोध्या :- अयोध्या में रामलला के नाम पर आस्था को ठगने वाला एक बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में लगभग 3.85 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है। श्रद्धालुओं से ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग के नाम पर यह रकम ऐंठी गई। अयोध्या पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी आशीष को गिरफ्तार कर लिया है और 2.15 करोड़ रुपये की रिकवरी करते हुए उसे पीड़ितों को लौटा दिया गया है।
कैसे हुआ घोटाला?
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी आशीष ने रामलला मंदिर से संबंधित एक फर्जी वेबसाइट तैयार की, जो देखने में बिल्कुल असली प्रतीत होती थी। इस वेबसाइट पर रामलला के प्रसाद की ऑनलाइन बुकिंग, पूजन-अर्चन और अन्य धार्मिक सेवाओं के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे लिए जा रहे थे।
इसके लिए उसने फर्जी पेमेंट गेटवे का भी निर्माण किया, जिसमें कार्ड और UPI पेमेंट के विकल्प थे। हजारों श्रद्धालु वेबसाइट के झांसे में आ गए और प्रसाद बुकिंग के नाम पर 51, 101, 501 और उससे भी अधिक रुपये जमा करवाते रहे।
सोशल मीडिया और SEO का इस्तेमाल
आशीष ने वेबसाइट को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया विज्ञापन, व्हाट्सएप फॉरवर्ड, और गूगल सर्च इंजन में वेबसाइट को ऊपर लाने के लिए SEO तकनीकों का इस्तेमाल किया। इससे वेबसाइट तेजी से वायरल हुई और श्रद्धालुओं को यह असली साइट लगने लगी।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा
राम मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को कई शिकायतें मिलने लगीं कि लोग प्रसाद के पैसे तो दे रहे हैं, लेकिन न तो प्रसाद आ रहा है और न कोई संपर्क हो पा रहा है। इसके बाद पुलिस ने साइबर सेल के साथ मिलकर जांच शुरू की।
तकनीकी विश्लेषण और बैंक ट्रांजेक्शन ट्रेसिंग के जरिये आखिरकार पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया गया, जहां वह एक किराए के फ्लैट से इस ठगी का संचालन कर रहा था।
रिकवरी और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी के बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स से 2.15 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। यह रकम फॉरेंसिक ऑडिट के बाद पीड़ित श्रद्धालुओं को लौटाई गई।
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी और भी खातों और वेबसाइट लिंक की जांच की जा रही है। यह संभावना जताई जा रही है कि आरोपी के साथ अन्य सहयोगी भी शामिल हो सकते हैं। उनके खिलाफ भी जांच जारी है।
श्रद्धालुओं से अपील
अयोध्या पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी धार्मिक सेवा के लिए केवल आधिकारिक पोर्टल या सरकारी रूप से प्रमाणित वेबसाइटों का ही इस्तेमाल करें।
साथ ही, किसी भी तरह की ठगी की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दें
मुख्य बिंदु:
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घोटाले की राशि: ₹3.85 करोड़
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गिरफ्तारी: आशीष, फर्जी वेबसाइट का संचालक
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रिकवरी: ₹2.15 करोड़ की रकम श्रद्धालुओं को लौटाई गई
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मामला दर्ज: आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज
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जांच जारी: अन्य खातों, सहयोगियों और ट्रांजेक्शन पर नजर