हरिद्वार, देहरादून और हिमाचल की दवाएं फेल—स्टॉक सीज, बैन की तैयारी!
राजस्थान में दवाओं की बड़ी कार्रवाई — नवंबर सैंपलिंग ड्राइव में 6 कंपनियों की दवाएं फेल, मरीजों की सेहत से खिलवाड़ उजागर
राजस्थान :- प्रदेश में मरीजों को सुरक्षित और असरदार दवाएं उपलब्ध कराने के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने 1 से 15 नवंबर तक बड़े पैमाने पर सैंपलिंग अभियान चलाया। सैंपल्स की लैब रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। कई नामी कंपनियों की दवाएं क्वालिटी टेस्ट में सीधे फेल पाई गईं। सबसे गंभीर बात यह है कि ये दवाएं शरीर में सही समय पर घुलती ही नहीं, जिससे उपचार पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
जांच में फेल हुई कंपनियों और बैचों की विस्तृत सूची
1. विवेक फार्माकेम (इंडिया) लिमिटेड
- दवा: पेरासिटामोल 650 mg
- बैच: PCT25092
- समस्या: डिसॉल्यूशन टेस्ट फेल — दवा शरीर में समय पर नहीं घुलती।
2. क्योरहेल्थ फार्मास्यूटिकल्स प्रा. लि., सोलन (हिमाचल प्रदेश)
- दवा: सेपोडॉक्सिम प्रोक्सेटिल डिस्परसेबल टैबलेट (DV-CEF-200)
- बैच: CT25035G
- समस्या: API और डिसॉल्यूशन दोनों पैरामीटर्स फेल।
3. सानो-सिटो थेरेप्यूटिक्स इंक., सोलन (हिमाचल प्रदेश)
- दवा: रैमिप्रिल 2.5 mg
- बैच: SD-1457
- समस्या: API मानक से कम — दवा का प्रभाव लगभग 40% तक घटा।
4. जी लेबोरेट्रीज लिमिटेड, पोंटा साहिब
- दवा: इट्राकोनाजोल 100 mg कैप्सूल
- बैच: 1725-230
- समस्या: घुलनशीलता और प्रभावशीलता दोनों में कमी।
5. बजाज फार्मुलेशन्स, हरिद्वार
- दवा: रैमिप्रिल–मेटोप्रोलोल SR टैबलेट (रेमरिल-M 25/25)
- बैच: T24K554A
- समस्या: दवा पेट में सही समय पर नहीं घुलती, असर बहुत देर से शुरू होता है।
6. वेद लाइफसेवर्स प्रा. लि., देहरादून
- दवा: रैमिप्रिल 2.5 mg (केडप्रिल 2.5)
- बैच: GVD0644
- समस्या: API टेस्ट में फेल — दवा की प्रभावशीलता काफी घट गई।
डिसॉल्यूशन टेस्ट फेल — क्यों है बेहद खतरनाक?
डिसॉल्यूशन टेस्ट यह जांचता है कि दवा पेट में कितनी जल्दी और कितनी मात्रा में घुलती है। इस टेस्ट में फेल होने का मतलब:
- दवा शरीर में समय से नहीं घुलती
- असर बहुत देरी से होता है
- कई बार दवा का कोई परिणाम नहीं मिलता
- लंबे समय तक ऐसी दवा लेने से इलाज बेअसर हो सकता है
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी दवाओं का सेवन करने वाले 3–5% मरीजों में गंभीर प्रभावशीलता कमी पाई जाती है।
API फेल — असर 40% तक कम
API यानी Active Pharma Ingredient दवा का असली प्रभावकारी तत्व होता है।
API में कमी का सीधा मतलब—
- दवा में सक्रिय पदार्थ मानक से काफी कम
- असर 40% तक घट जाता है
- बीमारी ठीक होने की गति बेहद धीमी पड़ जाती है
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट — स्टॉक सीज और बैन की तैयारी
औषधि नियंत्रण विभाग ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को तुरंत:
- फेल बैच का स्टॉक सीज करने
- बाजार से रिकॉल शुरू करने
- और कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई
के निर्देश जारी किए हैं।
सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इन बैचों पर पूर्ण बैन, और निर्माताओं पर लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है।
जनता के लिए जरूरी सावधानियां
अगर किसी मरीज के पास इन बैच नंबरों वाली दवाएं हैं, तो—
- तुरंत सेवन बंद करें
- डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें
- बैच नंबर चेक किए बिना दवा न लें



