हरिद्वार में दवा कारोबारियों की धड़कन बनीं अनीता भारती: नियम उल्लंघन पर सख्त अभियान, FDA की छवि मजबूत
देहरादून/हरिद्वार।
उत्तराखंड में औषधि सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर FDA आयुक्त ताजबर सिंह के दिशा-निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान ने पूरे प्रदेश में फार्मा जगत को झकझोर दिया है। इस अभियान की कमान हरिद्वार जिले में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने संभाल रखी है। सीमित संसाधनों और भारी दबाव के बीच भी अनीता भारती ने अपनी कार्यकुशलता और दृढ़ संकल्प से यह साबित कर दिया है कि यदि जिम्मेदारी और ईमानदारी से काम किया जाए तो बड़े से बड़ा नेटवर्क भी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।
हरिद्वार: फार्मा उद्योग का गढ़ और चुनौतियों का केंद्र
हरिद्वार जिला अपने आप में बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। यहाँ लगभग 4000 मेडिकल स्टोर और सैकड़ों फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज संचालित हो रही हैं। धार्मिक पर्यटन केंद्र होने के कारण लाखों श्रद्धालु सालभर हरिद्वार आते हैं। ऐसे में नकली, घटिया या अनियमित दवाओं का बाजार में आना न केवल कारोबार की पारदर्शिता पर चोट करता है, बल्कि श्रद्धालुओं और आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ भी गंभीर खिलवाड़ है।
इन परिस्थितियों में अनीता भारती ने अकेले मोर्चा संभालते हुए वर्षों तक लगातार मेडिकल स्टोर और उद्योगों की गहन जांच की। हाल ही में जब उनकी टीम को कुछ नए ड्रग इंस्पेक्टर मिले, तब यह अभियान और अधिक आक्रामक व संगठित हो गया।
नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस
अनीता भारती की अगुवाई में FDA टीम ने हाल के महीनों में कई बड़े खुलासे किए हैं। चाहे बात हो नारकोटिक मेडिसिन के दुरुपयोग की, फार्मा कंपनियों में GMP नियमों की अनदेखी की, या फिर मेडिकल स्टोरों पर बिना लाइसेंस व गलत तरीके से दवा बेचने की—हर स्तर पर विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है।
नकली और घटिया दवाओं की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क की पहचान कर उन्हें जड़ से खत्म करने का काम भी इसी टीम ने किया। इससे यह संदेश गया है कि अब कोई भी कारोबारी नियमों से खिलवाड़ करेगा तो उसे सख्त परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
रात-दिन फील्ड में सक्रिय टीम
अनीता भारती की सबसे बड़ी खासियत है उनकी मैदान पर मौजूदगी। वह केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि अपनी पूरी टीम के साथ रोजाना अलग-अलग इलाकों में छापेमारी और जांच करती हैं। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहर के बीचों-बीच तक हर जगह टीम ने मेडिकल स्टोरों और फैक्ट्रियों का औचक निरीक्षण कर चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए।
अभियान का असर यह हुआ कि अब मेडिकल स्टोर संचालक और फार्मा कंपनियाँ भी नियमों को गंभीरता से लेने लगी हैं।
सीमित संसाधन, लेकिन मजबूत इरादा
हरिद्वार जैसे बड़े जिले में जहाँ हजारों मेडिकल स्टोर और सैकड़ों फैक्ट्रियाँ मौजूद हैं, वहाँ संसाधनों की भारी कमी हमेशा बड़ी चुनौती रही है। लंबे समय तक अनीता भारती ने अकेले ही इस मोर्चे को संभाला। इसके बावजूद उन्होंने अपने कड़े रुख और निडर कार्यशैली से पूरे सिस्टम में विश्वास कायम किया।
हाल ही में टीम को कुछ नए औषधि निरीक्षक मिलने से अभियान और भी तेज हो गया है। अब टीम 24 घंटे सक्रिय रहकर फार्मा सेक्टर में अवैध कारोबार को नकेल कस रही है।
जनता का विश्वास और FDA की साख
FDA का यह अभियान सिर्फ कानून लागू करने तक सीमित नहीं है। इसका सीधा असर जनता के स्वास्थ्य और विश्वास पर पड़ रहा है। दवा का संबंध सीधे इंसान की जान से होता है, और ऐसे में अनीता भारती जैसी अधिकारी का सख्त लेकिन निष्पक्ष रवैया ही प्रदेश को सुरक्षित औषधि व्यवस्था की ओर ले जा सकता है।
जनपद में यह संदेश साफ हो गया है कि अब कोई भी नियम तोड़कर लाभ कमाने का प्रयास करेगा तो वह कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएगा। अनीता भारती की ईमानदारी और सख्ती ने FDA को जनता के बीच एक मजबूत और भरोसेमंद संस्था के रूप में स्थापित किया है।
भविष्य की राह
उत्तराखंड FDA की इस पहल ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम की है। आने वाले दिनों में यह अभियान और भी बड़े पैमाने पर चलेगा। उम्मीद है कि इससे नकली और घटिया दवाओं का कारोबार पूरी तरह समाप्त होगा और फार्मा सेक्टर अधिक पारदर्शी बनेगा।
हरिद्वार जैसे संवेदनशील जिले में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती का अभियान यह साबित करता है कि जब ईमानदारी, साहस और जिम्मेदारी साथ हों तो सीमित संसाधन भी बाधा नहीं बन सकते। उनके नेतृत्व में FDA टीम ने यह भरोसा दिलाया है कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।