
महिलाएं लिख रहीं आर्थिक विकास की नई इबारत
उन्नत कृषि तकनीक अपनाकर बन रही कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर
हरिद्वार :- हरिद्वार जिले के बुग्गावाला क्षेत्र की महिलाएं अब सिर्फ खेती नहीं कर रहीं, बल्कि उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल भी कायम कर रही हैं। जिला प्रशासन और सरकार की योजनाओं के सहयोग से यहां की महिला किसान न केवल अपनी आय बढ़ा रही हैं, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रही हैं।
संगठन की शक्ति से बढ़ता आत्मविश्वास
बुग्गावाला क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाएं कृषि में आधुनिक तकनीकों को अपनाकर बेहतर उत्पादन कर रही हैं। जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना संजय सक्सेना के निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने उन्नत कृषि विधियों को अपनाकर बेहतर परिणाम हासिल किए हैं।
श्रद्धा स्वयं सहायता समूह की सदस्य मंजु ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष पांच बीघा भूमि में 450 किलोग्राम आलू के बीज लगाए थे। सही तकनीक और मेहनत के कारण कुल 2500 किलोग्राम आलू का उत्पादन हुआ। इस सफल प्रयोग से उन्हें अच्छी आमदनी मिली और अन्य महिला किसानों को भी प्रेरणा मिली। अब अधिक महिलाएं वैज्ञानिक खेती और नई तकनीकों को अपनाने की ओर अग्रसर हो रही हैं।
कलेक्शन सेंटर: किसानों के लिए वरदान
महिला किसानों को उनकी उपज के बेहतर विपणन और उचित दाम दिलाने के लिए प्रकाशमय क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) के अंतर्गत एक कलेक्शन सेंटर की स्थापना प्रस्तावित है। परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना ने इस भूमि का निरीक्षण किया और बताया कि यह सेंटर किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित भंडारण और उचित मूल्य पर बेचने की सुविधा देगा।
महिला किसानों के लिए उज्ज्वल भविष्य
सरकार की नीतियों और जिला प्रशासन के प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं को कृषि क्षेत्र में नई पहचान मिल रही है। सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता से महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनने की राह पर हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को सशक्त कर रही है, बल्कि संपूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है।
यह सफलता यह साबित करती है कि यदि महिलाओं को सही संसाधन, जानकारी और सहयोग मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में आर्थिक विकास की नई इबारत लिख सकती हैं।