
चित्तौड़गढ़ के दुर्ग में वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि: जौहर मेले में उमड़ा जनसैलाब
राजस्थान की वीर प्रसूता भूमि चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक दुर्ग में मंगलवार को विशाल जौहर मेले का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। महारानी पद्मिनी, राजमाता कर्णावती और फूलकंवर मेड़तणी जैसी वीरांगनाओं के बलिदान को नमन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचे।
श्रद्धांजलि समारोह:
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के सानिध्य और अध्यक्षता में हुए इस समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मुख्य अतिथि रहे, जबकि राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वीरांगनाओं को नमन करते हुए कहा,
“महारानी पद्मिनी, राजमाता कर्णावती और फूलकंवर मेड़तणी समेत हजारों वीरांगनाओं ने आत्म सम्मान और देश की गरिमा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और शौर्यता की गाथाएं आज भी हर भारतीय के हृदय में देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित करती हैं।”
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने चित्तौड़गढ़ के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा,
“चित्तौड़गढ़ की धरती वीरता, शौर्यता, त्याग और बलिदान की प्रतीक है। महाराणा प्रताप और राणा सांगा ने देश के सम्मान के लिए जो संघर्ष किया, उसकी दूसरी कोई मिसाल नहीं मिलती।”
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने वीरांगनाओं के बलिदान को सलाम करते हुए कहा,
“जौहर सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि आत्म सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उठाया गया अद्वितीय कदम है। वीरांगनाओं का बलिदान हमें भी अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है।”
शोभायात्रा का आयोजन:
श्रद्धांजलि समारोह से पूर्व भूपाल राजपूत छात्रावास से प्रातः 8 बजे विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यह यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए चित्तौड़गढ़ दुर्ग पहुंची। शोभायात्रा में हाथी, ऊंट और घोड़े शामिल हुए, वहीं महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप, भक्तिमति मीरा, महारानी पद्मिनी और हाड़ी रानी की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। यात्रा के दौरान बलिदानी शूरवीरों के स्मारकों पर वीर पूजा भी की गई।
विशिष्ट अतिथि और आयोजन समिति:
श्रद्धांजलि सभा में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रधान संरक्षक श्रीमंत राजमाता साहिबा निरूपमा कुमारी मेवाड़, श्रीजी हजूर महाराणा साहेब विश्वराज सिंह मेवाड़, श्रीमंत महाराणी साहिबा महिमा कुमारी मेवाड़, राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम जी दक, पंजाब के पूर्व राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर, क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकावास सहित कई विधायक और पूर्व मंत्री शामिल रहे।
आयोजन के अंत में जौहर स्मृति संस्थान चित्तौड़गढ़ के रावत नरेंद्र सिंह विजयपुर ने सभी का आभार व्यक्त किया। उपाध्यक्ष शक्ति सिंह मुरलिया, महिला उपाध्यक्ष निर्मला कंवर राठौड़, महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत, संयुक्त मंत्री गजराज सिंह बराडा और कोषाध्यक्ष गोवर्धन सिंह भाटी ने अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया।
चित्तौड़गढ़ की वीरांगनाओं की अमर गाथा ने एक बार फिर इतिहास के पन्नों को जीवंत कर दिया, जहां हर श्रद्धालु ने वीरता, त्याग और बलिदान की इस परंपरा को सलाम किया।