
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में से हो रहे हैं सरकारी समितियां के चुनाव के मामले में सुनवाई की
नैनीताल : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में आज से हो रहे सहकारी समितियों के चुनाव के मामले पर सुनवाई की। इस मामले को आज एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील के माध्यम से चुनोती दी। मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ती मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ती आशीष नैथानी की खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार से कहा है कि चुनाव एकलपीठ के आदेश के अनुसार ही होंगे। तब तक जवाब प्रस्तुत करें। 21 फरवरी 2025 को एकलपीठ के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से सोसाइटी की तरफ से खण्डपीठ में चुनोती दी गई। जिसमें कहा गया कि कॉपरेटिव के चुनाव कराने हेतु राज्य सरकार ने इसमे कुछ संसोधन किया है। उसे भी लागू किया जाय। इस इसपर आपत्ति ब्यक्त करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया व कई अन्य याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि कॉपरेटिव के चुनाव पूर्व के नियमो के तहत ही कराए जाय। जबकि पूरा चुनाव कर्यक्रम घोषित हो चुका है। वोटर लिस्ट बन चुकी है और चुनाव अधिकारी नियुक्त हो चुके हैं। अब सरकार इस लिस्ट में उन लोगो को सामील कराना चाह रही है जो कभी किसान थे ही नही । इसकी सदस्यता ग्रहण करने के लिए कम से तीन साल का समय दिया होना चाहिए। जिसको इसका अनुभव नही नही वह इसका सदस्य कैसे बन सकता है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद जो संसोधन सरकार ने किया है वह नियम विरुद्ध है। इसमे उन लोगों को वोट देने का अधिकार दिया गया जो इस क्षेत्र से ताल्लुख नही रखते है। हुई सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा है।
